उत्तर प्रदेश विधानसभा (UP Assembly) में बुधवार को उस समय मामला गरमा गया जब नेता विपक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने झल्लाते हुए उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) पर एक आपत्तिजनक टिप्पणी की. इसके बाद बीजेपी और समाजवादी पार्टी के सदस्यों के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस तरह के बर्ताव को गलत बताया है और सदन में मर्यादित भाषा का इस्तेमाल करने की सलाह दी है.
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राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए स्वामी प्रसाद मौर्य ने सदन में अपने भाषण के दौरान विधानसभा अध्यक्ष को सूचित करते हुए कहा, “पूर्व मुख्यमंत्री जी को ये बता दीजिए कि ये पांच साल सत्ता में नहीं रहे, आगे पांच साल के लिए फिर विदा हो चुके हैं और 2027 में चुनाव होगा तो फिर कमल खिलेगा. आपका कोई भविष्य इस समय नहीं है. लेकिन सड़क किसने बनाई है, एक्सप्रेसवे किसने बनाया है और मेट्रो किसने बनाई है. जैसे लगता है अपने सैफई की जमीन बेचकर ये सब बनवा दिया है.”
इसपर झल्लाए अखिलेश यादव अपनी सीट पर खड़े हो गए और स्वामी प्रसाद से बोले- तुम अपने पिताजी से पैसा लाते हो बनाने के लिए. तुमने राशन बांटा तो क्या पिता जी के पैसे से.” और इसके बाद वह भप, भप कहते हुए अपनी सीट से उठकर जाने लगे. विधानसभा प्रोसीडिंग का ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. जिसमें अखिलेश यादव अपना आप खोते नजर आ रहे हैं.
पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक सम्मानित नेता के खिलाफ असभ्य शब्दों का उपयोग ठीक नहीं है, मैं नेता प्रतिपक्ष से बहुत विनम्रता से कहूंगा कि आपको इतना उत्तेजित नहीं होना चाहिए था.
सीएम ने आगे कहा कि सहमति और असहमति लोकतंत्र की ताकत है लेकिन उपमुख्यमंत्री अगर अपनी बात रख रहे हैं तो हमें शालीनता से सुनना चाहिए, बहुत सारी बातें नेता प्रतिपक्ष की भी गलत हो सकती थी लेकिन हमने सुना. योगी आदित्यनाथ ने सदन अध्यक्ष से अनुरोध किया कि इस प्रकार की शब्दावली सदन की कार्यवाही का हिस्सा बन रही है तो उसे हटवा दें.
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