समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता और विधायक आजम खान (Azam Khan) की 28 अक्टूबर 2022, शुक्रवार को विधानसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई. आपको मालूम हो कि गुरुवार को रामपुर (Rampur) कोर्ट ने भड़काऊ भाषण मामले में आजम खान को 3 साल की जेल की सजा सुनाई थी. पहले से ही अनुमान लगाया जा रहा था कि आजम खान की विधानसभा की सदस्यता रद्द की जा सकती है क्योंकि उन्हें 2 साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई थी.

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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि आजम खान को जिस मामले में सजा सुनाई गई है, वो मामला 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान का है. कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान आपत्तिजनक और भड़काऊ टिप्पणियां की थी. इसके बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने उनकी शिकायत की थी. इसी मामले में रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने 27 अक्टूबर 2022 को अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार दिया.

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, आजम खान की विधानसभा सदस्यता इसलिए रद्द की गई है क्योंकि 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के अनुसार सजा की अवधि पूरी होने के बाद 6 साल तक चुनाव लड़ने की पाबंदी रहती है. पहले ये पाबंदी फैसला सुनाने के दिन से ही लागू होती थी, लेकिन उसमें तकनीकी खामियां दिखी. इसके बाद संसद में इसमें संशोधन किया गया. इसके अनुसार सजा प्राप्त व्यक्ति अपनी सजा पूरी करने के बाद भी 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेगा.

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आपको बता दें कि आजम खान के पास अभी भी कुछ विकल्प मौजूद हैं. वे रामपुर कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ निचली अदालत का रुख कर सकते हैं. अगर उन्हें वहां से भी राहत नहीं मिलती है तो वे हाईकोर्ट में भी जा सकते हैं. आजम खान भी जोर देकर कह रहे थे कि उनके पास कई विकल्प मौजूद हैं. उन्होंने कोर्ट की सजा के बाद कहा था कि ये अधिकतम सजा सुनाई थी. बेल अनिवार्य प्रावधान है इसलिए बेल पर हूं, लेकिन मैं इंसाफ का कायल हो गया हूं. ये पहला चरण है, अभी कानूनी रास्ते खुले हुए हैं. मेरे पास बहुत सारे विकल्प हैं. आगे सेशन कोर्ट जाएंगे, सारा जीवन ही संघर्ष का है.