उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार ने प्रदेश में किराए पर रह
रहे लोगों को राहत देने का ऐलान किया है. बता दें, पहले 10 हजार तक के किराए पर रहने वाले लोगों को रेंट एग्रीमेंट (Rent Agreement) पर लगने वाले स्टाम्प के लिए 200 रुपये देने पड़ते थे, लेकिन अब योगी
सरकार इसे हटाने की तैयारी कर रही है. इसे जल्द ही यूपी कैबिनेट से मंजूरी
मिलने वाली है.

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उत्तर प्रदेश नगरीय परिसर किरायेदारी
विनियमन अध्यादेश-2021 के अनुसार, किराए पर मकान देने या
लेने के लिए रेंट एग्रीमेंट अनिवार्य कर दिया गया है. स्टांप लगाने के चक्कर में
ज्यादातर लोग बिना सहमति के मकान किराए पर दे देते हैं. इससे कभी कभी लेने और देने
दोनों पक्षों को नुकशान का सामना करना पड़ता है. राज्य में बड़ी संख्या में लोग
किराए के मकान में रह रहे हैं.

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इसी को आधार बनाते हुए स्टाम्प एवं
निबंधन विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है.अगर अनुबंधन फिर से एक वर्ष के लिये किये है तो
ऐसे में प्रस्तावित छुट पहले वर्ष की समाप्ति के बाद ही दी जाएगी. बड़े भवनों, व्यावसायिक
भवनों या पुराने मामलों में यह छूट नहीं लागू होगा. शुरुआती चरण में इसकी अवधि सिर्फ
छह महीने के लिए होगी बाद में इसका लाभ देखने के बाद इसे आगे बढ़ाया जाएगा.

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किरायेदारी अधिनियम में मकान मालिक
और किरायेदारों की सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रावधान किए गए हैं. यह बहुत
जरूरी है कि अध्यादेश के उचित क्रियान्वयन और सफल क्रियान्वयन से जनता को राहत
मिले. किराए पर 200 रुपये के
स्टांप में एक साल की छूट सरकार का एक सराहनीय कदम है. यह मकान
मालिक और किरायेदार के बीच अच्छे संबंध बनाएगा और प्रोत्साहित करेगा.

हालांकि, 10 हजार से ऊपर के किराये वालों को ये छूट नहीं दी जाएगी. उनसे 20 रुपये प्रति हजार की दर स्टांप शुल्क लिया जाएगा.