उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव को लेकर राजनेताओं का दल बदल का खेल जारी है. जहां एक ओर समाजवादी पार्टी के नेता बीजेपी में शामिल हो रहे हैं तो वहीं बीजेपी के नेता भी सपा का दामन थाम रहे हैं. दोनों की पार्टियों को एक के बाद एक झटका लग रहा है. सोमवार को कुछ ऐसी ही सियासी नजारा देखने को मिला. जलालपुर के सपा विधायक जहां बीजेपी में शामिल हुए तो दूसरी ओर जलालाबाद से पूर्व बीजेपी उम्मीदवार सपा में शामिल हो गए.

बीजेपी नेता और जलालाबाद सीट से पूर्व उम्मीदवार अनिल वर्मा ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया. सोमवार को अखिलेश यादव ने खुद उन्हें समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कराई.

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वहीं, दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के आंबेडकरनगर जिले की जलालपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुभाष राय सोमवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए.

भाजपा मुख्यालय में उन्होंने उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में भगवा दल की सस्यता ग्रहण की.

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सिंह ने राय का पार्टी में स्वागत करते हुए दावा किया कि उत्तर में आज कानून का राज है तथा वहां राष्ट्रवाद और विकास की बयार चल रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश में जो वातावरण निर्मित हुआ है, उसे देखते हुए सुभाष राय भाजपा में शामिल हुए हैं. यह उनकी घर वापसी है. उनके आने से भाजपा अंबेडकरनगर जनपद में और मजबूत होगी.’’

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उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जलालापुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर रितेश पांडेय विधायक चुने गए थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें अंबेडकरनगर संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया. चुनाव में जीत दर्ज के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद जलालापुर सीट पर हुए उपचुनाव में सुभाष राय सपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे.

सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. वह वर्ष 2002 में सपा के टिकट पर जलालपुर से विधायक भी निर्वाचित हुए थे. सपा में शामिल होने से उनका जलालपुर से टिकट लगभग तय माना जा रहा है.

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