उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Elections) के चार चरण संपन्न हो चुके हैं. अब चुनाव पांचवें चरण की तरफ बढ़ रहा है. पांचवें चरण के लिए मतदान 27 फरवरी 2022 को होने हैं. इस चरण में 12 जिलों की 61 सीटों पर मतदान होगा. पांचवें चरण में लोगों की नजरें योगी सरकार के कई मंत्रियों पर रहेंगी. इनमें उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से चुनाव मैदान में हैं. इनके अलावा कुंडा सीट से रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर भी सभी की निगाहें रहेंगी. वह साल 1993 से लगातार इस सीट से विधायक चुने जा रहे हैं. बता दें कि मतदान सुबह 7 बजे से शुरू होकर शाम 6 बजे तक चलेगा. मतदान के लिए तैयारियां जोरों पर हैं.

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केशव प्रसाद मौर्य समेत योगी सरकार के कई मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में योगी सरकार के कई मंत्रियों पर नजर रहेगी. उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य सिराथू सीट से चुनाव मैदान में हैं. कैबिनेट मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह पट्टी सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं, कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह इलाहाबाद पश्चिम से प्रत्याशी बनाए गए हैं. अगर बात करें नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल नंदी की तो वो इलाहाबाद दक्षिण, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री मनकापुर सुरक्षित सीट से और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट सदर से चुनाव लड़ रहे हैं. 61 सीटों पर कुल 48 विधायक ऐसे हैं जो दोबारा अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.

पांचवें चरण का चुनाव सपा-बसपा के साथ-साथ भाजपा के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. बीजेपी पर जहां पुरानी जीत कायम रखने की चुनौती है, वहीं सपा-बसपा को उससे आगे निकलने की चाह है. भारतीय जनता पार्टी ने साल 2017 के चुनाव में 61 में से 47 सीटों पर जीत दर्ज की थी और सपा ने साल 2012 के चुनाव में 41 सीटों पर अपना परचम लहराया था. 2017 के चुनाव में समाजवादी पार्टी के लिए यह चरण काफी खराब रहा. पिछले चुनाव में उसे इन जिलों में मात्र 5 सीटें ही मिली और बसपा का तो और भी बुरा हाल था. बसपा सिर्फ 3 सीटें ही जीत सकी.

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पांचवें चरण में 3 विधानसभा सीटों पर मौजूदा विधायक आमने-सामने

पश्चिमी यूपी, रोहिलखंड बुंदेलखंड के बाद अब सबका जोर क्षेत्र पर लगा हुआ है, यहां प्रयागराज, प्रतापगढ़ और बहराइच इन 3 जिलों में 3 विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां पर मौजूदा विधायक एक दूसरे के सामने खड़े हो गए हैं. ये सीटें हैं- फूलपुर, रानीगंज और बहराइच सदर. प्रतापगढ़ जिले की रानीगंज विधानसभा सीट पर इस बार मुकाबला बहुत दिलचस्प है. यहां बीजेपी की तरफ से मौजूदा विधायक धीरज ओझा एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. वहीं, उनके सामने सपा के आर. के. वर्मा चुनौती की चुनौती हैं. वर्मा फिलहाल विश्वनाथगंज सीट से विधायक हैं और इस बार क्षेत्र बदलकर धीरज ओझा को चुनौती दे रहे हैं.

फूलपुर में प्रवीण सिंह पटेल बनाम मुज्तबा सिद्दीकी

कुछ ऐसा ही मामला प्रयागराज जिले की फूलपुर विधानसभा सीट पर भी है. यहां बीजेपी की तरफ से मौजूदा विधायक प्रवीण सिंह पटेल चुनाव मैदान में हैं. यहां उन्हें मुख्य चुनौती सपा की तरफ से मिल रही है. सपा ने यहां से प्रतापपुर सीट के मौजूदा विधायक मुज्तबा सिद्दीकी को टिकट दी है. सिद्दीकी बसपा छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. पार्टी में आने के बाद सपा पहले मुज्तबा को प्रतापपुर से ही उम्मीदवार बनाने जा रही थी, लेकिन बाद में उन्हें फूलपुर से टिकट दे दिया गया. इस सीट पर अपना दल और बसपा भी लड़ाई में हैं.

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बहराइच में अनुपमा जायसवाल बनाम यासर शाह

बहराइच जिले में भी वर्तमान विधायक आमने-सामने हैं. बहराइच सदर सीट पर बीजेपी ने मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री अनुपमा जायसवाल को चुनाव मैदान में उतारा है. वहीं, सपा ने यासर शाह को अपना प्रत्याशी बनाया है. यासर शाह मटेरा विधानसभा सीट से विधायक हैं और पूर्व मंत्री रह चुके हैं. यासर क्षेत्र के दिग्गज नेता रहे डॉ वकार अहमद शाह के बेटे हैं, जो 23 साल तक लगातार विधायक रहे हैं. यासर इस चुनाव में खुद सदर सीट से मैदान में हैं जबकि पत्नी मारिया शाह को मटेरा विधानसभा सीट से प्रत्याशी बनाया है.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण में 12 जिलों की इन 61 सीटों पर 27 फरवरी को होगा मतदान

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