पंजाब में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 86 पहुंच गई है. वहीं, इस मामले में मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कड़ा एक्शन लेते हुए 13 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है, जिसमें 7 आबकारी अधिकारियों और 6 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है. इस बात की जानकार अधिकारियों ने दी है.

उन्होंने बताया कि सरकार ने मृतकों के परिवारों के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की. खबरों के अनुसार, तरनतारन में 63 मौतें हुई हैं, जिसके बाद अमृतसर में 12 और गुरदासपुर के बटाला में 11 मौतें हुईं.

राज्य में 29 जुलाई की रात से शुरू हुई त्रासदी में 31 जुलाई की रात तक 39 लोगों की मौत हो गई थी.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मुख्यमंत्री ने छह पुलिसकर्मियों के साथ सात आबकारी अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया. निलंबित अधिकारियों में दो उप पुलिस अधीक्षक और चार थाना प्रभारी शामिल हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस मामले में किसी भी लोक सेवक या अन्य को संलिप्त पाया जाता है, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जहरीली शराब के उत्पादन और बिक्री को रोकने में पुलिस और आबकारी विभाग की नाकामी शर्मनाक है.