उत्तर प्रदेश सरकार से इस बार ऐसे कई प्रमुख चेहरे गायब हैं जिन्हें योगी सरकार 1.0 में बड़ी जिम्मेदारियां मिली थीं. लखनऊ के इकाना स्टेडियम में शुक्रवार को हुए भव्य शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ नए मंत्रियों ने शपथ ली. शपथ समारोह का आयोजन अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के शीर्ष नेताओं की मौजूदगी में हुआ.
यह भी पढ़ें: कौन हैं ब्रजेश पाठक? बने यूपी के उपमुख्यमंत्री
पिछली योगी आदित्यनाथ सरकार में डिप्टी सीएम का प्रभार संभालने वाले दिनेश शर्मा की जगह इस बार ब्रजेश पाठक को केशव प्रसाद मौर्य के साथ उपमुख्यमंत्री बनाया गया है. श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थ नाथ सिंह जैसे बड़े नेता भी इस बाद योगी कैबिनेट में जगह बनाने में नाकाम रहे.
पिछली बीजेपी सरकार में उद्योग विभाग संभालने वाले और कानपुर जिले के महाराजपुर से चुने गए सतीश महाना का नाम नए मंत्रियों की सूची से गायब है. गोंडा जिले के मनकापुर से बीजेपी विधायक रमापति शास्त्री को भी मंत्रिमंडल से बाहर रखा गया है. इससे पहले उन्होंने समाज कल्याण मंत्री का प्रभार संभाला था.
एक वरिष्ठ नेता ने “एक व्यक्ति, एक पद” सिद्धांत का हवाला देते हुए कहा कि यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने के साथ, पार्टी अध्यक्ष का पद खाली हो गया है और इस पद पर एक नए नेता की नियुक्ति की जा सकती है.
इस बार मंत्री पद पाने में नाकाम रहने वाले नेताओं में जय प्रताप सिंह, राम नरेश अग्निहोत्री, आशुतोष टंडन, नीलकंठ तिवारी और महेंद्र सिंह जैसे नाम भी शामिल हैं.
मोहसिन रजा, जो पिछली राज्य सरकार में अकेले मुस्लिम मंत्री थे, उनकी जगह इस बार दानिश आजाद अंसारी ने ले ली है.
यह भी पढ़ेंः कौन हैं दानिश आजाद अंसारी? योगी सरकार का इकलौता मुस्लिम मंत्री
पिछली बीजेपी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा छोड़ दी थी और विपक्षी समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा था.
हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा और स्वाति सिंह को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया. मुकुट बिहारी के बेटे गौरव वर्मा को टिकट मिला था, वह कैसरगंज से चुनाव हार गए. स्वाति सिंह के पति दयाशंकर सिंह ने बलिया से चुनाव लड़ा था और जीतकर योगी मंत्रिमंडल में जगह भी पाई है.
पिछली बार रहे थे मंत्री, इस बार नहीं मिला मौका
डिप्टी सीएम रहे डॉ. दिनेश शर्मा
मोहसिन रजा
आशुतोष टंडन
श्रीकांत शर्मा
सतीश महाना
सिद्धार्थनाथ सिंह
महेंद्र सिंह
स्वाति सिंह
मुकुट बिहारी वर्मा
रामनरेश अग्निहोत्री
जयप्रताप सिंह
नीलकंठ तिवारी
नीलिमा कटियार
अशोक कटरिया
श्रीराम चौहान
सुरेश कुमार पासी
मनोहर लाल मुन्नू कोरी
अनिल शर्मा
महेश चंद्र गुप्ता
डॉ. जीएस धर्मेश
लाखन सिंह राजपूत
चौधरी उदय भान सिंह
रामशंकर सिंह पटेल
जय कुमार सिंह जैकी
अतुल गर्ग
अजीत पटेल
उत्तर प्रदेश के सियासी इतिहास में पहली बार जब कोई मुख्यमंत्री सत्ता में पांच साल रहने के बाद दूसरी बार सीएम बने हैं. इतना ही नहीं 37 साल के बाद सत्ताधारी पार्टी की दोबारा से वापसी हो पाई है.
यह भी पढ़ें: Yogi Minister’s List:योगी सरकार के नए मंत्रियों की पूरी लिस्ट