उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) की एक स्थानीय अदालत ने आज कहा कि प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर (Kashi Vishwanath Mandir) के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) का सर्वेक्षण जारी रहेगा. अदालत ने इस साल अप्रैल में पांच हिंदू महिलाओं द्वारा वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की पश्चिमी दीवार के पीछे एक हिंदू मंदिर में प्रार्थना करने के लिए साल भर की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं पर निरीक्षण का आदेश दिया था. 

यह भी पढ़ें: कौन हैं राजीव कुमार? जिन्हें बनाया गया है नया मुख्य चुनाव आयुक्त

सर्वेक्षण 17 मई तक पूरा किया जाना है, याचिकाकर्ताओं के वकील ने आज अदालत के बाहर बताया. अदालत में हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने कहा, “कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के साथ सर्वे के लिए 2 और वकीलों को कमिश्नर नियुक्त किया गया है. आयोग 17 मई तक कोर्ट में रिपोर्ट पेश करेगा.” 

यह भी पढ़ें: नोएडा के पास यमुना एक्सप्रेस-वे पर भयावह हादसा, 5 की मौके पर ही मौत

साइट वर्तमान में वर्ष में एक बार प्रार्थना के लिए खोली जाती है। महिलाएं भी “पुराने मंदिर परिसर के भीतर अन्य दृश्यमान और अदृश्य देवताओं” से प्रार्थना करने की अनुमति चाहती हैं। स्थानीय अदालत ने पहले अधिकारियों को 10 मई तक एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

सर्वेक्षण पिछले शुक्रवार को शुरू हुआ था लेकिन मस्जिद के अंदर वीडियोग्राफी को लेकर हुए विवाद के कारण पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया है.

यह भी पढ़ें: IMA का मनसुख मंडाविया को पत्र, NEET PG 2022 को Postpone करने की मांग रखी

कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे के लिए नियुक्त किए गए एडवोकेट कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा को हटाने से मना कर दिया है. अदालत ने कोर्ट कमिश्नर अजय मिश्रा के अलावा विशाल कुमार सिंह और अजय सिंह को भी कोर्ट कमिश्नर बनाया है. ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति के वकील अभय नाथ यादव ने आरोप लगाया था कि अदालत द्वारा नियुक्त आयुक्त पक्षपाती हैं.

यह भी पढ़ें: जानें कौन हैं दीया सिंह? जयपुर की राजकुमारी जो ताजमहल को अपना बता रही हैं