गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima 2022) का पर्व पूरी तरह से गुरु को
समर्पित होता है. इस पावन दिवस के अवसर पर सभी शिष्य अपने गुरुओं को आदर, सम्मान और कृतज्ञता पूर्ण रूप से उनकी
पूजा अर्चना करते हैं. इस दिन लोग अपने गुरु स्थान पर जाकर दिवंगत गुरु या
ब्रह्मलीन संतों की समाधि पर विधिवत पूजा,यज्ञ और गुरु वंदना करते हैं. इस बार
गुरु पूर्णिमा पर्व (Guru Purnima Festival) 13 जुलाई 2022 को मनायी जाएगी. वहीं आपको बता दें कि इसी तिथि को
वेद व्यास जी का जन्म होने के कारण इसे व्यास पूर्णिमा भी कहा जाता है.

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भगवान से भी ऊंचा गुरु का दर्जा

“गुरू
बिन ज्ञान न उपजै, गुरू
बिन मिलै न मोष। गुरू बिन लखै न सत्य को गुरू बिन मिटै न दोष।।“ कबीर दास जी ने कहा है कि हे
सांसरिक प्राणियों, बिना गुरू के ज्ञान का मिलना असम्भव है. तब तक मनुष्य अज्ञान
रूपी अंधकार में भटकता हुआ मायारूपी सांसारिक बन्धनों मे जकड़ा रहता है. जब तक कि
उसे गुरू की कृपा प्राप्त नहीं होती. मोक्ष रूपी मार्ग दिखलाने वाले गुरू हैं.
बिना गुरू के सत्य एवं असत्य का ज्ञान नहीं होता. उचित और अनुचित के भेद का ज्ञान
नहीं होता फिर मोक्ष कैसे प्राप्त होगा? अतः गुरू की शरण में जाओ. गुरू ही सच्ची राह दिखाएंगे. प्राचीन काल
से ही गुरूओं को भगवान से भी ऊंचा स्थान दिया गया है. आपको बता दें कि गुरु परंपरा
को निभाते हुए गुरू वंदना और अभिनंदन का दिन है गुरु पूर्णिमा. यह शुभ पर्व जिसे
गुरु के सम्मान में आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है.

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गुरु पूर्णिमा पर ऐसे करें पूजन

गुरु पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान का विशेष
महत्व माना जाता है. इस दिन व्रत रखने के साथ भगवान श्री हरि विष्णु की आराधना करने
से हमें मनवांछित फल व ज्ञान की प्राप्ति होती है. इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा
भी सुननी चाहिए. इसके साथ साथ इस दिन हर व्यक्ति को अपने गुरु की पूजा करनी चाहिए.
इस दिन हर किसी को गंगा स्नान करने के बाद दान अवश्य करना चाहिए. गुरु पूर्णिमा के
दिन भगवान को खीर का भोग लगाने और दान करने से मानसिक शांति प्राप्त होती है.

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गुरु पूर्णिमा का दिन व मुहुर्त

गुरु सम्मान में हर साल मनाया जाने वाला गुरु
पूर्णिमा पर्व इस बार 13 जुलाई को मनाया जाएगा. वहीं हिंदू पंचांग के अनुसार देखा
जाए तो इस साल गुरु पूर्णिमा पर विशेष राज योग बन रहा है. 13 जुलाई को पूर्णिमा
तिथि सुबह 4 बजे से शुरू होगी. जो 14 जुलाई रात 12.06 बजे तक रहेगी. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर विधि
विधान के साथ पूजा पाठ करने से आप के सारे कष्ट कटते हैं और आप पर भगवान की विशेष
कृपा होती है.

नोटः ये लेख मान्यताओं के आधार पर बनाए गए हैं. ओपोई इस बारे में किसी भी बातों की पुष्टि नहीं करता है.