महाराष्ट्र विधानसभा में पहले से ही अल्पमत का सामना कर रहे शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े को अब लोकसभा में भी बगावत का डर सता रहा है. पार्टी सांसदों के विद्रोह के डर से ठाकरे गुट ने लोकसभा के लिए एक नया मुख्य सचेतक नियुक्त किया है. पार्टी के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर जानकारी दी कि भावना गवली की जगह राजन विचारे को मुख्य सचेतक नियुक्त किया गया है.

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अगर विधानसभा जैसी बगावत लोकसभा में भी हुई तो ये ठाकरे परिवार की शिवसेना पर पकड़ को बहुत हद तक खत्म कर देगा. शिवसेना के लोकसभा में 19 और राज्यसभा में तीन सदस्य हैं.

पिछले महीने एकनाथ शिंदे की बगावत के चलते उद्धव ठाकरे ने 55 विधायकों में से 40 विधायकों के साथ सीएम की कुर्सी भी खो दी. 

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पिछले हफ्ते उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. एक दिन बाद शिंदे गुट ने आधिकारिक तौर पर बीजेपी के साथ हाथ मिलाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया. 4 जुलाई को बीजेपी और शिंदे गुट के विधायकों ने मिलकर विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास किया. एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री और देवेंद्र फडणवीस उपमुख्यमंत्री बने.  

इस सप्ताह की शुरुआत में हुए विधानसभा बहुमत परीक्षण में एकनाथ शिंदे खेमे को 288 सदस्यीय विधानसभा में 164 मत मिले, जो कि 144 के बहुमत के आंकड़े से काफी ज्यादा है. केवल 99 विधायकों ने इसके खिलाफ मतदान किया. 

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नए गठबंधन ने महाराष्ट्र विधानसभा में अपना स्पीकर बनाने में भी सफलता पाई है. साथ ही शिंदे गुट ने मुख्य सचेतक भी चुन लिया है. उन्होंने विधानसभा में विश्वास मत के दौरान व्हिप की अवहेलना करने के लिए टीम ठाकरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की भी अपील की है. एकनाथ शिंदे ने दावा किया है कि दो-तिहाई बहुमत के आधार पर उनका गुट ही असली शिवसेना है.