सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शीना बोरा हत्याकांड (Sheena Bora Murder Case) की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को जमानत दे दी. जस्टिस एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने कहा कि मुकदमा जल्द ही पूरा नहीं होने वाला है. बता दें कि अपनी बेटी की हत्या की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी अगस्त 2015 में गिरफ्तारी के बाद से मुंबई की भायखला महिला जेल में बंद है.

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उन्होंने कहा, “याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोप लगाया गया है कि उसने अपनी बेटी शीना के राहुल मुखर्जी के साथ लिव इन रिलेशनशिप को देखते हुए हत्या की योजना बनाई थी, जो पीटर मुखर्जी और उनकी पूर्व पत्नी का बेटा था.” बताते चलें कि हाल में इंद्राणी मुखर्जी ने सीबीआई को एक पत्र में लिखा था कि शीना बोरा जिंदा हैं. उन्होंने दावा किया था की जेल में एक कैदी ने उन्हें बताया था कि वो कश्मीर में शीना से मिली थीं. 

इंद्राणी मुखर्जी की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी पेश हुए. रोहतगी ने कहा कि मुकदमा जल्द पूरा नहीं होने वाला है क्योंकि बड़ी संख्या में गवाहों से पूछताछ की जानी बाकी है. बताते चलें कि हत्या के मामले में सुनवाई कर रही विशेष CBI अदालत ने इन्द्राणी मुखर्जी को कई मौकों पर जमानत देने से इनकार कर दिया था. 

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अप्रैल 2012 में इंद्राणी मुखर्जी, उनके ड्राइवर श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना ने शीना बोरा (24 वर्ष) की कथित तौर एक कार में गला घोंटकर हत्या कर दी थी. आरोप था कि शीना के शव को पड़ोसी रायगढ़ जिले के एक जंगल में जला दिया गया था. शीना, इंद्राणी और उनके पार्टनर सिद्धार्थ दास की बेटी थीं. इंद्राणी ने इसके बाद 1993 में संजीव खन्ना से शादी की. 2002 में संजीव से रिस्ता टूटने के बाद उन्होंने पीटर मुखर्जी से शादी की. 2017 में दोनों अलग हो गए. 

भारतीय टीवी इंडस्ट्री का जाना पहचाना नाम पीटर मुखर्जी को भी कथित तौर पर साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें फरवरी 2020 में हाई कोर्ट ने जमानत दे दी थी.  

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