Sharad Pawar : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP के शरद पवार ने पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. दिग्गज नेता शरद पवार (Sharad Pawar) के इस फैसले से दिल्ली से लेकर महाराष्ट्र तक सभी चकित हैं. उन्होंने महाराष्ट्र की राजनीति के साथ दिल्ली की सियासत में भी हड़कंप मच गया है. अब सभी के मन में सवाल है कि साल 2024 के आम चुनाव के बीच शरद पवार ने इस्तीफा क्यों दे दिया. वहीं, ये भी सवाल है कि, क्या इसकी पटकथा पहले लिखी गई थी. या फिर शरद पवार ने किसी के दवाब में ये फैसला लिया है. वहीं, अगर ये फैसला लिया है तो NCP का ताज अब किसके सिर होगा.

सुप्रीया सुले के बयान पर लगी मुहर

हाल ही में शरद पवार के बेटी सप्रीया सुले (Supriya Sule) ने खुलासा किया था कि, 15 दिनों में ही दो सियासी धमाके होनेवाले हैं. जिसके बाद ही शरद पवार ने इस्तीफे का ऐलान किया है. इस खबर से सुप्रीया सुले के बयान पर मुहर लग गई है. हालांकि, दूसरा धमाका क्या होगा ये अभी किसी को पता नहीं है.

Sharad Pawar किसको सौंपेंगे कमान

शरद पवार ने पार्टी का कमान किसको सौंपने की तैयारी की है इसका पता अभी नहीं चला है. लेकिन उनकी बेटी सुप्रीया सुले और भतीजे अजीत पवार में से किसे एक ये सौंपा जा सकता है.क्योंकि, सुप्रीया सुले भी शरद पवार की उत्ताराधिकारी बनने को तैयार है.

अजीत पवार के बयान में छिपा महत्वाकांक्षा

आपको बता दें, साल 2019 में अजीत पवार (Ajit Pawar) बीजेपी साथ चले गए थे और सरकार भी बना ली थी. हाल ही में ये बात फिर सामने आई थी. वहीं, अजीत पवार की महत्वाकांक्षा इस बयान से भी जाहिर होती है कि, अजित पवार ने अपने चाचा शरद पवार के सामने कहा कि एनसीपी क नेता बार बार उनसे फैसले वापस न लेने को कहें. पवार साहब हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे. अजित पवार ने कहा कि नए नेतृत्व को मौका मिलना चाहिए. अजित पवार ने कहा कि शरद पवार साहेब के मार्गदर्शन में नए अध्यक्ष का चुनाव होगा. पवार साहब का नेतृत्व और मार्गदर्शन हमेशा बना रहेगा. पार्टी अध्यक्ष कोई भी हो, उनका मार्गदर्शन हमेशा रहेगा. कभी-कभी ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं. साहेब के नेतृत्व में पार्टी का अगला अध्यक्ष चुना जाएगा तो क्या दिक्कत है? इसमें दिक्कत क्या है? सभी निर्णय और पार्टी के भविष्य के निर्णय साहेब के नेतृत्व और मार्गदर्शन में होंगे। वह फैसला बदलने वाले नहीं हैं.यह निर्णय किसी दिन लिया जाना था.

बता दें, शरद पवार ने 1999 में कांग्रेस को छोड़ कर नई पार्टी का गठन किया था. तभी उन्होंने NCP का गठन किया था और तब से अभी तक पार्टी के अध्यक्ष है.