Shaheed Diwas Speech in Hindi: शहीद दिवस देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को याद करने और सम्मान देने के लिए मनाया जाता है. शहीद दिवस मुख्य रूप से भारत में 23 मार्च और 30 जनवरी को मनाया जाता है. शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन भाषण और वार्ता आदि का आयोजन किया जाता है. आज हम शहीद दिवस पर भाषण के लिए कुछ पंक्तियां लेकर आए हैं, जिन्हें आप अपने भाषण में शामिल कर और तारीफें बटोर सकते हैं.

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शहीद दिवस भाषण (Shaheed Diwas Speech)

1. जब भारत की आजादी के लिए शहादत और बलिदान की बात आती है तो भगत सिंह सुखदेव और राजगुरु का नाम जरूर सामने आता है.

2. 23 मार्च, 1931 भारतीय इतिहास का एक काला दिन था जब देश की आजादी के लिए लड़ने वाले तीन क्रांतिकारियों भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को फांसी दे दी गई थी.

3. जब इन तीनों क्रांतिकारियों ने आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, तब स्वतंत्रता संग्राम की ज्वाला उठी और भारत आजाद हो सका.

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4. सन 1928 में साइमन कमीशन भारत आया और लाला लाजपत राय साइमन कमीशन का विरोध कर रहे थे. लाठीचार्ज में लाला लाजपत राय बुरी तरह घायल हो गए और अंततः इस घटना के कारण उनकी मृत्यु हो गई.

5. फिर उस समय भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने मिलकर ब्रिटिश शासन से लाला लाजपत राय की मौत का बदला लेने की योजना बनाई और 17 दिसंबर 1928 को ब्रिटिश पुलिस अधिकारी जॉन सॉन्डर्स की गोली मारकर हत्या कर दी.

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6. 8 अप्रैल 1929 को भगत सिंह और उनके सहयोगी बटुकेश्वर दत्त ने मिलकर अंग्रेजों को एक बार फिर चेतावनी देने के लिए सेंट्रल असेंबली में बम फेंका. हालांकि इस घटना के दौरान भगत सिंह का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था.

7. सांडर्स हत्याकांड में भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को दोषी साबित करने के बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गई. हालांकि भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को 24 मार्च 1931 को फांसी दी जानी थी.

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8. ब्रिटिश सरकार ने साजिश रची और विद्रोह से बचने के लिए भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु को 24 मार्च की निर्धारित तारीख से एक दिन पहले 23 मार्च 1931 को शाम 7:30 बजे फांसी दे दी गई.

9. भारत के तीन सच्चे सपूत आज भारत की पूरी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा के स्रोत हैं जिन्होंने अपनी जान-माल की परवाह किए बिना मातृभूमि के लिए खुद को कुर्बान कर दिया.