सुप्रीम कोर्ट ने देश के विभिन्न हिस्सों में मुहर्रम का जुलूस निकालने की गुरुवार को अनुमति देने से इनकार करते हुये लखनऊ स्थित याचिकाकर्ता से कहा कि वह इलाहाबाद हाईकोर्ट जाये.

शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से सवाल किया कि वह पूरे देश के लिये इस बारे में आदेश कैसे दे सकता है.

चीफ जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन की पीठ ने कहा कि, इस तरह के आदेश से अव्यवस्था फैलेगी और एक समुदाय विशेष को निशाना बनाया जायेगा.

पीठ ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से याचिका की सुनवाई करते हुये कहा, ‘‘आप एक सामान्य आदेश देने का अनुरोध कर रहे है और अगर हम इसकी अनुमति देंगे तो इससे अव्यवस्था फैलेगी. एक समुदाय विशेष को कोविड फैलाने के लिये निशाना बनाया जाने लगेगा. हम ऐसा नहीं चाहते. हम न्यायालय के रूप में सभी लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डालने का जोखिम नहीं उठा सकते.’’

पीठ ने याचिकाकर्ता शिया नेता सैयद कल्बे जव्वाद को अपनी याचिका वापस लेने और लखनऊ में जुलूस निकालने के अनुरोध के साथ उच्च न्यायालय जाने की छूट प्रदान कर दी