उत्तर प्रदेश विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. इस चुनाव में सपा का सूपड़ा साफ हो गया. क्योंकि 36 सीट में से बीजेपी ने 33 सीट पर अपना कब्जा जमा लिया है. वहीं बाकी तीन सीटों पर दो निर्दलीय और एक सीट राजा भैया की पार्टी के उम्मीदवार के हाथ लगी है. ऐसे में सपा को एक सीट भी नहीं मिल पाई है. स्थानीय निकाय चुनावों में मिली हार के बाद सपा को अब विधान परिषद में बड़ा झटका लगेगा.

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दरअसल, अब तक यूपी विधान परिषद में सपा के पास विपक्ष के नेता का पद था. लेकिन अब विधान परिषद में विपक्ष के नेता का पद भी छिन जाएगा. यूपी विधान परिषद में 100 सीटें होती हैं. हाल ही में हुए चुनाव के बाद बीजेपी के पास अब 67 एमएलसी हो गए हैं. वहीं समाजवादी पार्टी के पास फिलहाल 17 एमएलसी हैं. विधान परिषद में नेता विपक्ष का पद सबसे बड़े दल को मिलता है, जिसके लिए कम से कम 10 एमएलसी होने की जरुरत होती है.

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ऐसे में सपा को 6 जुलाई को झटका लगने वाला है. क्योंकि 6 जुलाई 2022 तक सपा के 12 MLC एक-एक कर रिटायर हो जाएंगे. वहीं, इन सीटों पर सत्तारूढ़ दल आसानी से अपना कब्जा जमा लेगा. इसके बाद सपा के पास मात्र 5 एमएलसी रह जाएंगे.

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वहीं जुलाई में विधानसभा के कोटे से 13 स्थान खाली हो रहे हैं. इनमें से सपा के 6, बसपा के 3, बीजेपी के 3 और कांग्रेस के एक सदस्य हैं. इसके लिए जून में चुनाव होंगे. इन चुनाव में एक सीट के लिए 31 विधायकों का समर्थन जरूरी है. यूपी में सपा गठबंधन के पास 125 विधायक है. इस लिहाज से सपा के खाते में 4 सीटें ही आ पाएंगी. इस तरह सपा के पास विधान परिषद में कुल 9 एमएलसी ही हो पाएंगे.

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