भारतीय करेंसी यानी रुपया लगातार अपने गिरने के नये-नये रिकॉर्ड बना रहा है. अक्टूबर 2022 के महीने की शुरुआत जहां ये अपने सबसे निचले स्तर को छूते हुए 82 रुपये को पार गया था. वहीं, 19 अक्टूबर को ये और भी कमजोर होते हुए 83 रुपये के पार पहुंच गया है. आपको बता दें, रुपये की गिरावट आम लोगों पर भी प्रभाव डालता है.

रुपया पहली बार 61 पैसे टूटकर 83 अंक से नीचे आ गया है. 19 अक्टूबर 2022 को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 83.1 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ है.

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हालांकि, भारत के वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में रुपये की रिकॉर्ड गिरावट पर बयान देते हुए कहा था कि, रुपया नहीं गिर रहा है बल्कि डॉलर मजबूत हो रहा है. अब इसके बाद ही रुपये ने फिर से रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गई है.

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आपको बता दें, ये पहली बार है जब रुपये 83 के पार पहुंच गया है. इससे पहले 18 अक्टूबर को भी डॉलर के मुकाबले ये 82.36 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. आपको बता दें, रुपये की गिरावट देश के विदेश मुद्रा भंडार पर काफी असर डालता है. भारत की विदेशी मुद्रा भंडार में काफी गिरावट दर्ज की गई है. ये गिरावट करीब 100 अरब डॉलर तक पहुंच गया है. एक साल पहले जहां विदेशी मुद्रा भंडार 642 अरब डॉलर का धा जो अब 538 अरब डॉलर के करीब रह गया है.

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रुपये की गिरावट से अब आयात पर प्रभाव डाल सकता है. क्योंकि, भारत जो आयात करता है उसके लिए उसे ज्यादा कीमत चुकानी होगी. वहीं, चालू खाते का घाटा भी बढ़ सकता है.