रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया (Raghuraj Pratap Singh) उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की राजनीति में वो नाम हैं, जो किसी पहचान का मोहताज नहीं है. यूपी की राजनीति में सत्ताएं बदलती गईं लेकिन कुंडा के ‘राजा’ रघुराज प्रताप सिंह का भौकाल कभी कम नहीं हुआ. 1993 में 25 साल की उम्र में पहली बार प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda vidhan sabha) से निर्दलीय विधायक बने और तब से हर एक विधानसभा चुनाव को निर्दलीय प्रत्याशी की रूप में जीतते आए हैं. वह मुलायम सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव की सरकारों में मंत्री रहे हैं.
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रघुराज प्रताप सिंह को लेकर कई किंवदंतियां हैं. इसमें से एक है कि उन्होंने अपने 600 बीघे में फैले तालाब में कई मगरमच्छ पाल रखे हैं. ये बातें यूपी के गली-कूचों में काफी सालों से जगह बनाए हुए हैं. लोगों के अंदर ये जानने की उत्सुकता है कि आखिर क्या सच में रघुराज प्रताप सिंह ने अपने तालाब में मगरमच्छ पाल रखे हैं? लल्लनटॉप को दिए इंटरव्यू में रघुराज प्रताप सिंह ने इसके ऊपर से पर्दा उठाया. राजा भैया ने बताया कि उन्होंने अपने तालाब में कोई मगरमच्छ नहीं पाला है. उन्होंने कहा कि वह मतस्य पालन करते हैं और मछ्ली पालने वाला व्यक्ति कभी मगरमच्छ नहीं पालेगा, क्योंकि मगरमच्छ मछली खा जाएंगे.
हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि तालाब के पड़ोस से गंगा जी निकली हैं तो हो सकता है कि वहां से कोई मगरमच्छ घूमते-टहलते कभी हमारे तालाब में आ गया हो, ये अलग बात है, लेकिन हम मगमच्छ नहीं पालते हैं. इसी बात को आगे बढ़ाते हुए राजा भैया ने एक मजेदार किस्सा सुनाया. उन्होंने बताया कि एक बार लखनऊ के VVIP गेस्ट हाउस में वो पूर्व पीएम चंद्रशेखर जी से मिलने गए थे, वहां बिहार के तत्कालीन सीएम लालू प्रसाद यादव जी भी आए हुए थे. राजा भैया ने बताया कि लालू प्रसाद ने अपने अंदाज में सवाल किया, क्यों जी आप ये मगरमच्छवा सही में पाले हैं? राजा भैया ने कहा कि ये मगरमच्छ वाला सवाल कहां से उपजा उन्हें भी नहीं पता.
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16 नवंबर 2018 को रघुराज प्रताप सिंह ने घोषणा की कि वह अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बना रहे हैं. वह इसी पार्टी के साथ 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में उतर रहे हैं.
रघुराज प्रताप सिंह का जन्म 31 अक्टूबर 1969 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में एक राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह हैं और अवध के शाही भाद्री इस्टेट से हैं. उनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और बाद में हिमाचल प्रदेश राज्य के दूसरे राज्यपाल थे. रघुराज अपने परिवार में राजनीति में आने वाले पहले व्यक्ति थे.
सिंह ने 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने 15 फरवरी 1995 को भंवी कुमारी सिंह से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. राजा भैया पेशे से किसान हैं.
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