भारत की राजधानी दिल्ली (Delhi) में आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) सरकार और एलजी वीके सक्सेना (VK Saxena) के बीच तल्खी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है. मंगलवार को एलजी वीके सक्सेना की तरफ से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के प्रति नाराजगी व्यक्त की गई है. एलजी ने कहा कि मेरे पास कई ऐसे प्रस्ताव आ रहे हैं जिन पर सीएम का दस्तखत तक नहीं है.

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न्यूज एजेंसी एएनआई की मानें तो दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने सीएम अरविंद केजरीवाल को एक चिट्ठी लिखी है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि ‘कई सारे प्रस्ताव मुख्यमंत्री दफ्तर से बिना सीएम के दस्तखत के उनके पास आ रहे हैं जो सही नहीं है. कोई भी प्रस्ताव या ओपिनियन भेजते समय मुख्यमंत्री ये सुनिश्चित करें कि उस पर उनका अपना दस्तखत हो न कि किसी अधिकारी का.

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एलजी की चिट्ठी में इस बात पर भी जोर दिया गया है कि जो भी प्रस्ताव बिना सीएम के दस्तखत के आते हैं इससे ये पता नहीं चल पाता कि मुख्यमंत्री द्वारा असल में वह प्रस्ताव देखे भी गए हैं या नहीं. उन्हें इसकी जानकारी है या नहीं. ऐसे में दस्तखत के साथ ही कोई प्रस्ताव भेजा जाए. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब किसी मुद्दे को लेकर एलजी और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आमने सामने आए हो.

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इससे पहले शराब नीति को लेकर विवाद रहा हो या फिर सीएम की सिंगापुर यात्रा को लेकर. सिर्फ मौके बदलते हैं लेकिन एलजी और सरकार के बीच तल्खी बढ़ती ही जा रही है. इस बार तो एलजी की तरफ से दावा हो गया है कि उनके पास बिना सीएम दस्तखत के प्रस्ताव आ रहे हैं. इस पर अभी तक आम आदमी पार्टी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना दिया है.

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भारतीय जनता पार्टी के सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट कर लिखा कि ‘अरविंद केजरीवाल खुद को सिर्फ पोर्टफोलियो से दूर नहीं रखते हैं बल्कि फाइलों को भी साइन नहीं करते हैं. ऐसा कर वे खुद को उन फैसलों से दूर रखते हैं जहां भ्रष्टाचार होता है. एलजी की इस चिट्ठी से दूध का दूध और शराब का शराब होना शुरू हो गया है.