73वें गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पूरे देशवासियों को संबोधित किया है. उन्होंने देश और विदेश में रहनेवाले सभी भारतीयों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक बधाई दी. उन्होंने कहा ये पर्व हम सभी को एक सूत्र में बांधता है और यह भारतीयता के गौरव का उत्सव हैं. अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने जनरल बिपिन रावत को याद किया और कहा कि, पिछले महीने देश ने बहादुर कमांटर जनरल बिपिन रावत को खोया. यह देश के लिए बहुत बड़ी क्षति थी.

यह बी पढ़ेंः Republic Day: 12 राज्यों की झाकियों को मिला मौका, बीटिंग रिट्रीट में नहीं बजेगा महात्मा गांधी का पसंदीदा धुन

राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा, हर साल गणतंत्र दिवस के दिन हम अपने गतिशील लोकतंत्र तथा राष्ट्रीय एकता की भावना का उत्सव मनाते हैं. महामारी के कारण इस वर्ष के उत्सव में धूम-धाम भले ही कुछ कम हो परंतु हमारी भावना हमेशा की तरह सशक्त है. गणतंत्र दिवस का यह दिन उन महानायकों को याद करने का अवसर भी है जिन्होंने स्वराज के सपने को साकार करने के लिए अतुलनीय साहस का परिचय दिया तथा उसके लिए देशवासियों में संघर्ष करने का उत्साह जगाया. उन्होंने कहा, मानव समुदाय को एक-दूसरे की सहायता की इतनी जरूरत कभी नहीं पड़ी थी जितनी कि आज है. अब दो साल से भी अधिक समय बीत गया है लेकिन मानवता का कोरोना वायरस के विरुद्ध संघर्ष अभी भी जारी है. इस महामारी में हज़ारों लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा है.

यह भी पढ़ेंः Delhi Corona Update : पिछले 24 घंटे में 6 हजार से अधिक मामलों की पुष्टि, जानें मौत का आंकड़ा

रामनाथ कोविंद ने भारत की अर्थव्यवस्था की बात करते हुए कहा, पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था पर आघात हुआ है. विश्व समुदाय को अभूतपूर्व विपदा का सामना करना पड़ा है. नित नए रूपों में यह वायरस नए संकट प्रस्तुत करता रहा है. मुझे यह कहते हुए गर्व का अनुभव होता है कि हमने कोरोना के खिलाफ असाधारण दृढ़-संकल्प और कार्य क्षमता का प्रदर्शन किया. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हो रही है कि विश्व में सबसे ऊपर की 50 ‘इनोवेटिव इकॉनोमीज़’ में भारत अपना स्थान बना चुका है. यह उपलब्धि और भी संतोषजनक है कि हम व्यापक समावेश पर जोर देने के साथ-साथ योग्यता को बढ़ावा देने में सक्षम हैं.

कोरोना का जिक्र करते हुए कहा, महामारी का प्रभाव अभी भी व्यापक स्तर पर बना हुआ है, हमें सतर्क रहना चाहिए और अपने बचाव में ढील नहीं देनी चाहिए. हमने अब तक जो सावधानियां बरती हैं, उन्हें जारी रखना है. संकट की इस घड़ी में हमने यह देखा है कि कैसे हम सभी देशवासी एक परिवार की तरह आपस में जुड़े हुए हैं. इन प्रयासों के बल पर हमारी अर्थव्यवस्था ने फिर से गति पकड़ ली है. प्रतिकूल परिस्थितियों में भारत की दृढ़ता का यह प्रमाण है कि पिछले साल आर्थिक विकास में आई कमी के बाद इस वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था के प्रभावशाली दर से बढ़ने का अनुमान है.

यह भी पढ़ेंः Republic Day: राष्ट्रपति ने 384 लोगों के लिए वीरता पुरस्कार की मंजूरी दी, नीरज चोपड़ा को परम विशिष्ट सेवा पदक

उन्होंने किसानों का भी जिक्र किया और कहा, इस प्रभावशाली आर्थिक प्रदर्शन के पीछे कृषि और मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्रों में हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान है. मुझे यह जानकर प्रसन्नता हुई है कि हमारे किसान, विशेषकर छोटी जोत वाले युवा किसान प्राकृतिक खेती को उत्साह-पूर्वक अपना रहे हैं

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, भारतीय नौसेना और कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की समर्पित टीमों ने स्वदेशी व अति-आधुनिक विमानवाहक पोत आई.ए.सी.-विक्रांत का निर्माण किया है जिसे हमारी नौसेना में शामिल किया जाना है. ऐसी आधुनिक सैन्य क्षमताओं के बल पर अब भारत की गणना विश्व के प्रमुख नौसेना-शक्ति-सम्पन्न देशों में की जाती है. यह रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होने का एक प्रभावशाली उदाहरण है.

यह भी पढ़ेंः Republic Day के दिन दिल्ली मेट्रो से सफर करने से पहले जान लें DMRC की ये जरूरी अपडेट

जनरल बिपिन रावत को याद करते हुए उन्होंने कहा, जब कभी किसी वीर सैनिक का निधन होता है तो सारा देश शोक-संतप्त हो जाता है. पिछले महीने एक दुर्घटना में देश के सबसे बहादुर कमांडरों में से एक – जनरल बिपिन रावत – उनकी धर्मपत्नी तथा अनेक वीर योद्धाओं को हमने खो दिया. इस हादसे से सभी देशवासियों को गहरा दुख पहुंचा.

महिलाओं को लेकर रामनाथ कोविंद ने कहा, सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर के रूप में, मुझे यह उल्लेख करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि यह वर्ष सशस्त्र बलों में महिला सशक्तिकरण की दृष्टि से विशेष महत्वपूर्ण रहा है. अब नए क्षेत्रों में महिला अधिकारियों के लिए स्थायी कमीशन की सुविधा आरंभ हो गई है.

यह भी पढ़ेंः Republic Day : 26 जनवरी की परेड में इस बाइक पर जवान दिखाते हैं करतब, जानें इसकी खासियत