भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीनी पक्ष से बातचीत के बाद LAC पर तनाव में नरमी आई है. दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि द्विपक्षीय संबंधों के लिए शांति और स्थिरता जरूरी है. इसके साथ ये सहमति भी बनी कि दोनों देशों के बीच शांति बनाए रखने के लिए LAC से सैनिकों का पूरी तरह पीछे हटना जरूरी है. इसके साथ ही चीन ने अपने टेंट और सैनिक 1-2 किलोमीटर पीछे हटाए हैं. मोदी सरकार ने चीनी सेना को पीछे हटाने के लिए कई रणनीतिक और राजनयिक कदम उठाए गए. आइये एक नजर इन्हीं पर डालते हैं-

पीएम का लद्दाख दौरा

पीएम मोदी ने चीन से तनाव के बीच लद्दाख दौरा किया, जहां उन्होंने सेना का तो हौंसला बढ़ाया ही, साथ ही चीन का नाम लिए बिना कड़ा संदेश भी दिया कि ये जमाना विकास का है, विस्तारवादी सोच का नहीं. विस्तारवादी सोच ने पूरी दुनिया को नुकसान ही पहुंचाया है. लद्दाख में पीएम मोदी ने ऐसी ताल ठोकी कि बीजिंग का दिल धड़क गया.

आर्थिक झटका देने के लिए किए कई सौदे किए रद्द

भारत में भारतीय रेलवे की परियोजना (471 करोड़ रुपए का करार) समेत कई चीनी सौदे रद्द किए गए. इसमें बीएसएनएल ने भी 4जी संसाधनों को अपग्रेड करने के लिए चीन के प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया था. हाइवे प्रोजेक्ट्स से भी चीन को बाहर रखने की तैयारी है. इस बाबत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि देश में कुछ ऐसे नियम हैं, जो पुराने हो चुके हैं और चीनी कंपनियों को मदद पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कहा कि भारत, चीनी कंपनियों को राजमार्ग परियोजनाओं में भाग लेने की अनुमति नहीं देगा. इसके साथ ही बिजली विभाग ने भी कह दिया है कि भारतीय कंपनियों को बिजली आपूर्ति उपकरण और घटकों को चीन से आयात करने के लिए सरकार से अनुमति लेने की जरूरत होगी.

चीन की 59 ऐप्स बैन करना

भारत ने चीन की 59 ऐप्स को बैन कर दिया. इससे चीन को बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ. इसमें लोकप्रिय ऐप टिक टॉक और शेयर इट, हेलो आदि शामिल हैं. इन ऐप्स के बंद होने से चीन को बड़ी आर्थिक चोट लगी है. अमेरिका ने इन ऐप्स को बैन करने का स्वागत किया था और कहा था कि इससे भारत की सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

काम आई PM मोदी की कूटनीति, अमेरिका ने खुलकर किया भारत का समर्थन

कोरोना को लेकर दुनिया के कई देश चीन से नाराज हैं. इसके साथ विस्तारवादी नीति को लेकर भी भारत को अमेरिका , जापान, ऑस्ट्रेलिया और ताइवान जैसे देशों का साथ मिला. अमेरिका ने तो बयान जारी कर सीधे तौर पर तनाव का जिम्मेदार चीन को ठहराया. साथ ही साउथ चाइना सी में युद्धपोतों की तैनाती की, जिससे चीन पर दबाव बना.

LAC पर पूरी तैयारी

15 जून को हुई हिंसक झड़प के बाद भारत ने भी वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी LAC पर भी सेना की और हथियारों की तैनाती बढ़ाई. टैंकों से लेकर लड़ाकू विमान तक तैनात किए गए. इससे भी चीन पर दबाव पड़ा कि भारत पूरी तरह से तैयार है. इसके साथ रक्षामंत्री राजनाथ सिंह रूस की यात्रा पर गए और नए हथियारों और डिफेंस मिसाइल सिस्टम की जल्द डिलीवरी के लिए भी दबाव डाला.