रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दिल्ली पहुंच गए हैं. उनका विशेष विमान आज दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर उतरा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया. पीएम मोदी ने हैदराबाद हाउस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना संकट के बावजूद भारत-रूस के संबंध में कोई बदलाव नहीं आया. उन्होंने कहा, कोविड की चुनौतियों के बावजूद भारत और रूस के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सामरिक भागीदारी में कोई बदलाव नहीं आया है. कोविड के खिलाफ लड़ाई में भी दोनों देशों के बीच सहयोग रहा है.

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत हमारा रक्षा सहयोग और मजबूत हो रहा है. रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में दोनों देश अहम सहयोगी है. कोरोना के खिलाफ भी हमारा सहयोग रहा है. प्रधानमंत्री ने आगे कहा- आर्थिक क्षेत्र में भी हमारे रिश्तों को आगे बढ़ाने के लिए हम बड़े विजन पर काम कर रहे हैं. हमने 2025 तक 30 बिलियन डॉलर ट्रेड और 50 बिलियन डॉलर के निवेश का लक्ष्य रखा है.पुतिन ने कहा कि हम भारत को एक महान शक्ति, भरोसेमंद दोस्त के रूप में देखते हैं.

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पुतिन के इस यात्रा के दौरान दोनों देश  के बीच ट्रेड, एनर्जी, कल्चर, डिफेंस, स्पेस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में करीब 10 समझौते कर सकते हैं. डिफेंस सेक्टर पर दुनिया की नजरें ज्यादा होंगी. दो समझौतों से अमेरिका पहले ही कुछ परेशान है. ये हैं S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम और दूसरा है अमेठी में AK-203 राइफलों का प्रोडक्शन. यहां साढ़े सात लाख AK-203 राइफलें बनाई जानी हैं. दुनिया में पहली बार यह राइफलें रूस से बाहर बनाई जानी हैं.

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रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने बताया, हमारे भारतीय मित्रों ने स्पष्टता से समझाया कि वे एक संप्रभु देश हैं और वे ही तय करेंगे कि किसके हथियार खरीदने हैं. कौन रक्षा और अन्य क्षेत्रों में भारत का भागीदार बनने जा रहा है. S-400 डील का केवल प्रतीकात्मक अर्थ नहीं है. भारतीय रक्षा क्षमता के लिए इसका एक बहुत ही महत्वपूर्ण व्यावहारिक अर्थ है.  माना जा रहा है कि पुतिन एयर डिफेंस मिसाइल एस 400 का एक मॉडल भारतीय प्रधानमंत्री को सौपेंगे.