प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में पड़ने वाले गोरखपुर जिले में 9,600 करोड़ रुपये से अधिक मूल्‍य की विकास परियोजनाएं राष्‍ट्र को समर्पित की हैं. इस मौके पर राज्य की गवर्नर आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद रहे. गोरखपुर सीएम योगी की कर्मभूमि रही है. वह यहां से 1998 से लगातार 5 बार सांसद रहे हैं. साथ ही वह गोरखपुर स्थित गोरखनाथ मंदिर के महंत भी हैं.  

पीएम मोदी ने जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया है उसमें हिंदुस्तान उर्वरक रसायन लिमिटेड (HURL) का नवनिर्मित उर्वरक संयंत्र, एम्स हॉस्पिटल और आईसीएमआर की क्षेत्रीय इकाई ‘क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र’ शामिल हैं.

8,603 करोड़ रुपये के उर्वरक संयंत्र से प्रति वर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम-लेपित यूरिया का उत्पादन होगा. ये परियोजना न केवल किसानों के जीवन में समृद्धि लाएगी बल्कि युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 20,000 रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में इसका शिलान्यास किया था.

प्रधानमंत्री ने 2016 में गोरखपुर AIIMS का शिलान्यास किया था. 1,011 करोड़ रुपये की लागत से बने गोरखपुर एम्स से न केवल पूर्वी यूपी के लोगों को बल्कि बिहार, झारखंड और नेपाल की एक बड़ी आबादी को भी विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सुविधाओं से लाभ मिलेगा. 112 एकड़ में फैले इस अस्पताल की क्षमता 300 बिस्तरों की है.

इसी तरह, 36 करोड़ रुपये के क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र से वेक्टर जनित रोगों के परीक्षण और अनुसंधान की सुविधा होगी, उन्होंने कहा, हाई-टेक लैब से वेक्टर जनित रोगों से संबंधित परीक्षणों के लिए बड़े शहरों पर क्षेत्र की निर्भरता कम होगी.

गोरखपुर में मंगलवार से इलेक्ट्रिक बसों का संचालन भी शुरू हो जाएगा. बसें 28 अक्टूबर से उद्घाटन के लिए नौसाद बस स्टेशन परिसर में खड़ी हैं. मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने 5 अक्टूबर को लखनऊ में इलेक्ट्रिक बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था और ऐसी 15 बसें 28 अक्टूबर को गोरखपुर पहुंची थीं.

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