देश के 75वें स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर पर तिरंगा फहराया. वहीं, अपने संबोधन के दौरान उन्होंने देश के कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने देश को विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए नया नारा दिया है. उन्होंने कहा, हमें सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास के साथ अब सबका प्रयास के साथ चलना होगा.

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अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि यह गौरव कल की ओर ले जाएगा. मोदी बोले, ‘अमृतकाल 25 वर्ष का है. लेकिन इतना लंबा इंतजार नहीं करना है. अभी से जुट जाना है. यही समय है. सही समय है. हमें खुद को बदलना होगा. सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और अब सबका प्रयास, लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए बहुत जरूरी है.’

उन्होंने कहा, हम आजादी का जश्न मनाते हैं, लेकिन बंटवारे का दर्द आज भी हिंदुस्तान के सीने को छलनी करता है. यह पिछली शताब्दी की सबसे बड़ी त्रासदी में से एक है. कल ही देश ने भावुक निर्णय लिया है. अब से 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में याद किया जाएगा.

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भारत ने सदियों तक मातृ-भूमि, संस्कृति और आजादी के लिए संघर्ष किया है. आजादी की ललक इस देश ने सदियों तक छोड़ी नहीं. जय-पराजय आते रहे, लेकिन मन मंदिर में बसी आजादी की आकांक्षा कभी खत्म नहीं होने दी.

पीएम बोले, यहां से शुरू होकर अगले 25 वर्ष की यात्रा जब हम आजादी की शताब्दी मनाएंगे, नए भारत के सृजन का ये अमृत काल है. इस अमृत काल में हमारे संकल्पों की सिद्धि हमें आजादी के 100 वर्ष तक ले जाएगी, गौरवपूर्ण रूप से ले जाएगी.

अमृतकाल का लक्ष्य है भारत और भारत के नागरिकों के लिए समृद्धि के नए शिखरों का आरोहण. एक ऐसे भारत का निर्माण जहां सुविधाओं का स्तर गांव और शहर को बांटने वाला न हो. एक ऐसे भारत का निर्माण जहां नागरिकों के जीवन में सरकार बेवजह दखल न दे.

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गरीबों की मदद के बारे में पीएम ने कहा, सरकार अपनी अलग-अलग योजनाओं के तहत जो चावल गरीबों को देती है, उसे फोर्टिफाई करेगी, गरीबों को पोषणयुक्त चावल देगी. राशन की दुकान पर मिलने वाला चावल हो, मिड डे मील में मिलने वाला चावल हो, वर्ष 2024 तक हर योजना के माध्यम से मिलने वाला चावल फोर्टिफाई कर दिया जाएगा.

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किसानों की बात करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, परिवार में बंटवारे के चलते किसानों की जमीन कम होती जा रही है. छोटे किसानों को अब प्राथमिकता देगी सरकार. पिछली सरकारों ने छोटे किसानों पर कभी ध्यान नहीं दिया. छोटा किसान बने देश की शान, ये हमारा सपना है. आने वाले वर्षों में हमें देश के छोटे किसानों की सामूहिक शक्ति को और बढ़ाना होगा. उन्हें नई सुविधाएं देनी होंगी.

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