प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने साल 2021 में पराक्रम दिवस (Parakram Diwas 2023) मनाने की घोषणा की थी. पराक्रम दिवस के मौके पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. पराक्रम दिवस मनाने के पीछे एक खास वजह है. यह दिन महान स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चंद्र बोस (Subhash Chandra Bose) से जुड़ा हुआ है. इस दिन नेताजी को नमन किया जाता है और उनके योगदान को याद किया जाता है. स्वतंत्रता संग्राम में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने जोरदार नारा दिया था. ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा.’ आइए जानते हैं कब मनाया जाता है पराक्रम दिवस. यह दिन क्यों मनाया जाता है और नेताजी सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम दिवस से क्या संबंध है.
कब है पराक्रम दिवस?
वीरता दिवस हर साल 23 जनवरी को मनाया जाता है. वर्ष 2021 में, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने का फैसला किया था. तभी से हर साल शौर्य दिवस मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें: Subhash Chandra Bose Birthday: जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं नेताजी के यह विचार, भर देंगे जोश
23 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है पराक्रम दिवस?
23 जनवरी को पराक्रम दिवस मनाने का कारण बेहद खास है. यह दिन सुभाष चंद्र बोस की याद में मनाया जाता है. सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी को हुआ था और इस दिन नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई जाती है, जिसे पराक्रम दिवस का नाम दिया गया है. उनकी वीरता को याद करने के लिए सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाता है.
यह भी पढ़ें: भारतीय इतिहास में कितनी बार वित्त मंत्री की जगह देश के प्रधानमंत्री ने किया है बजट पेश
सुभाष चंद्र बोस का पराक्रम दिवस से जुड़ाव
नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जीवन हर युवा और भारतीय के लिए आदर्श है. उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा को छोड़ दिया और स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए इंग्लैंड से भारत लौट आए. स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई में उन्होंने आजाद हिंद सरकार और आजाद हिंद फौज का गठन किया.
यह भी पढ़ें: Subhash Chandra Bose Jayanti 2023 Bank Holiday: सुभाष चंद्र बोस जयंती पर बैंक की छुट्टी है या नहीं?
पराक्रम दिवस पर बनेगा विश्व रिकॉर्ड
साल 2023 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उत्तर प्रदेश के सभी शहरों में मानव श्रृंखला बनाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने की योजना है. इस कार्यक्रम में आठवीं से बारहवीं कक्षा तक के छात्र-छात्राएं भाग लेंगे. कार्यक्रम का आयोजन वृहद स्तर पर किया जाएगा.