तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेताओं ने संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला. कांग्रेस समेत विपक्ष की करीब 15 पार्टियों ने संसद से विजय चौक तक मार्च में हिस्सा लिया.  

बता दें कि संसद परिसर में मौजूद गांधी स्टैच्यू के पास से ये मार्च निकाला गया. मॉनसून सत्र को वक्त से पहले खत्म करने और कृषि कानून-पेगासस जैसे मुद्दों पर चर्चा ना करने के विरोध में कई विपक्षी पार्टियां मार्च का हिस्सा बनीं. 

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राहुल गांधी ने कहा, “हमने सरकार से पेगासस पर बहस करने के लिए कहा लेकिन सरकार ने पेगासस पर बहस करने से मना कर दिया. मने संसद के बाहर किसानों का मुद्दा उठाया और हम आज यहां आपसे(मीडिया) बात करने आए हैं क्योंकि हमें संसद के अंदर नहीं बोलने दिया गया. ये देश के लोकतंत्र की हत्या है.” 

राहुल गांधी ने आगे कहा, “हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री इस देश को बेचने का काम कर रहे हैं, हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री दो-तीन उद्योगपतियों को हिन्दुस्तान की आत्मा बेच रहे हैं. इसलिए विपक्ष सदन के अंदर किसानों, बेरोज़गारों, इंश्योरेंस बिल और पेगासस की बात नहीं कर सकता है.” 

वहीं, शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, “हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की. ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था.” 

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दरअसल, राज्यसभा में बीते दिन महिला सांसदों के साथ बदसलूकी होने का आरोप लग रहा है. विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सुरक्षाकर्मियों ने बदतमीजी की है, विपक्ष के नेताओं का कहना है कि संसद के इतिहास में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ.