Parliament: देश में नए संसद में कार्य शुरू किया जा रहा है. यानी पहले जो संसद थी अब उसे छोड़ नए संसद भवन में संसद के सारी कार्यवाही होगी. पुराने संसद में 18 सितंबर को आखिरी दिन संसद की कार्यवाही हुई. वहीं गणेश चतुर्थी के अवसर पर 19 सितंबर 2023 से नए संसद भवन को शुरू किया जा रहा है. इसके साथ ही नए संसद भवन जाने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने Parliament में सभी सांसदों को संबोधित किया. जिसमें पुराने और नए संसद भवन को लेकर कई बातें कही.
Parliament के पुराने भवन का नाम होगा संविधान सदन
वहीं, अब पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ कहा जाएगा. पीएम मोदी ने अपने संबोधन के आखिर में कहा कि, अगर सभी की सहमति हो तो अब पुराने संसद भवन को ‘संविधान सदन’ नाम दिया जाए. इसे हमेशा संविधान सदन के रूप में जाना जाए. जहां पर भारत का संविधान बनाया गया था.
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प्रधामंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि इस भवन को सिर्फ पुरानी पार्लियामेंट कहकर छोड़ दें तो ऐसा नहीं होना चाहिए. इसलिए मेरी आपसे प्रार्थना है कि भविष्य में अगर सभी की सहमति हो तो इसे संविधान सदन के रूप में जाना जाए. ताकी यह हमेशा हमारे जीन की प्रेरणा बनी रहे. जब हम इसे संविधान सदन पुकारेंगे तो यह उन महापुरुषों की भी याद दिलाएगी, जो कभी संविधान सभा में बैठा करते थे. भावी पीढ़ी को यह तौहफा देने का अवसर जाने नहीं देना चाहिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृत काल के 25 वर्षों में भारत को बड़े कैनवास पर काम करना होगा. हमारे लिए छोटे-छोटे मुद्दों में उलझने का समय खत्म हो गया है. सबसे पहले, हमें आत्मनिर्भर भारत बनने का लक्ष्य पूरा करना होगा. यह समय की मांग है, यह हर किसी का कर्तव्य है. पार्टियां इसके आड़े नहीं आतीं. सिर्फ दिल चाहिए, देश के लिए चाहिए.
संसद को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यहीं पर 1947 में अंग्रेजी हुकूमत ने सत्ता हस्तांतरण किया. यह सेंट्रल हॉल उस प्रकिया का भी साक्षी है. हमारे राष्ट्रगान और तिरंगे को भी यहीं अपनाया गया. यहीं पर चार हजार से ज्यादा कानून पास हुए. इसी संसद में मुस्लिम बहन बेटियों को न्याय की जो प्रतीक्षा थी, शाहबानों केस के कारण गाड़ी कुछ उलटी पाटी पर चल गई थी. इसी सदन ने हमारी उस गलती को ठीक किया.