देश में 1 जून 2022 से कई बदलाव होने जा रहे हैं. इनका असर आपकी जेब के साथ-साथ जिंदगी पर भी पड़ेगा. बता दें कि 1 जून से सोने की हॉलमार्किंग को लेकर भी नियमों में बदलाव होने जा रहा है. साथ ही देश के कई और हिस्सों में हॉलमार्किंग सेंटर खोले जा रहे हैं.

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दरअसल 1 जून 2022 से सोने की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण शुरू होगा. फिलहाल देश में 256 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य हैं. 1 जून से ये आंकड़ा बढ़कर 288 जिलों तक पहुंच जाएगा. यानी देश के 32 जिलों में 1 जून 2022 से नए हॉलमार्किंग सेंटर खोले जाएंगे जिसके बाद इन जिलों में भी 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट के गहने ही बेचे जा सकेंगे. हॉलमार्किंग शुल्क के रूप में ज्वेलर ग्राहक से हर सोने के आइटम पर अतिरिक्त सिर्फ 35 रुपये ही चार्ज करेगा.

1 जून 2022 से देश के 288 जिलों में हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाएगी. इसका सबसे ज्यादा फायदा ग्राहकों को होने वाला है क्योंकि इससे ज्वेलर के फर्जीवाड़े पर लगाम लगेगा क्योंकि अब ज्वेलर ग्राहकों को ये कहकर सोने की ज्वेलरी लेने से मना नहीं कर पाएगा कि ये गहने हमारे यहां के नहीं हैं.

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आजतक की रिपोर्ट के अनुसार,1 जून से ज्वेलर को ज्वेलरी बेचने की पूरी जानकारी हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन पोर्टल पर देनी होगी. नई व्यवस्था के तहत गहने बनाने वाले से लेकर ज्वेलरी खरीदने वाले का नाम, वजन और दाम सब कुछ पोर्टल पर देना होगा. यही नहीं बनने से लेकर अंतिम खरीददार तक की सारी जानकारी को आप पोर्टल से प्राप्त कर सकेंगे.

भारतीय मानक ब्यूरो की वेबसाइट के अनुसार, 6 शुद्धता श्रेणियों जिसमें 14 कैरेट, 18 कैरेट, 20 कैरेट, 22 कैरेट, 23 कैरेट और 24 कैरेट के लिए सोने की हॉलमार्किंग की अनुमति है. इसी के तहत आने वाली 1 तारीख से ज्वेलर सिर्फ हॉलमार्क वाले सोने के आभूषण ही बेच सकते हैं. चाहे उनकी शुद्धता कुछ भी हो.

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नए नियम के तहत अगर ज्वेलरी में कोई भी गड़बड़ी पाई जाती है तो इसके लिए सिर्फ ज्वेलर जिम्मेदार होगा और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. नई व्यवस्था के तहत टांके वाली ज्वेलरी की भी जांच हॉलमार्क सेंटर पर कराई जा सकती है. बता दें कि दूसरे चरण में सबसे ज्यादा हॉलमार्किंग सेंटर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में खोले जा रहे हैं.

हॉलमार्क के बारे में जानें

सोने की शुद्धता को लेकर ग्राहकों के मन में अक्सर सवाल उत्पन्न होते रहते हैं. बता दें कि हॉलमार्क सोने की शुद्धता का एक प्रमाण है. भारतीय मानक ब्यूरो सोने की शुद्धता और सुंदरता के प्रमाण पत्र पर मुहर लगाता है जिसे हॉलमार्किंग कहा जाता है. सोने पर हॉलमार्किंग से ये पता चलता है कि आभूषण बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला सोना शुद्धता के अंतरराष्ट्रीय मानकों का पालन करता है.

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