कोरोना वायरस की वजह से हुई मौत के लिए मुआवजा तय किया गया है, इसके तहत हर मौत के लिए न्यूनतम 50 हजार रुपये मुआवजा दिया जाएगा. इस मुआवजे को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अथॉरिटी (NDMA) ने तय किया है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को NDMA के ये जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके मुताबिक ही, केंद्र सरकार ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर बताया है कि NDMA ने मुआवजा तय कर राज्यों को निर्देश जारी कर दिया है. मुआवजे की राशि राज्यों के आपदा प्रबंधन कोष से दी जाएगी.

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दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में 2 वकीलों गौरव कुमार बंसल और रीपक कंसल की तरफ से याचिका दाखिल की गई थी. दोनों का कहना था है कि नेशनल डिज़ास्टर मैनेजमेंट एक्ट की धारा 12 में आपदा से मरने वाले लोगों के लिए सरकारी मुआवजे का प्रावधान है. पिछले साल केंद्र ने सभी राज्यों को कोरोना से मरने वाले लोगों को 4 लाख रुपये मुआवजा देने के लिए कहा था. इस साल ऐसा नहीं किया गया है.

हालांकि, इसके जवाब में केंद्र ने कहा था कि कोरोना के चलते राज्यों को पहले ही बहुत अधिक खर्च करना पड़ रहा है. उन पर मुआवजे का बोझ डालना सही नहीं होगा.

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30 जून को दिए आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि देश में कोरोना से हुई हर मौत के लिए मुआवजा दिया जाना चाहिए. कोर्ट ने माना था कि इस तरह की आपदा में लोगों को मुआवजा देना सरकार का वैधानिक कर्तव्य है. लेकिन मुआवजे की रकम कितनी होगी, यह फैसला कोर्ट ने सरकार पर ही छोड़ दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (NDMA) से कहा था कि वह 6 हफ्ते में मुआवजे की रकम तय कर राज्यों को सूचित करे. NDMA ने बाद में कोर्ट से अतिरिक्त समय की मांग की थी. अब कोर्ट के फैसले के करीब 12 हफ्ते बाद उसने मुआवजे पर निर्णय लिया है.

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