पंजाब के कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू अमृतसर में कृषि विधेयकों के खिलाफ कांग्रेस पार्टी के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने. सैकड़ों की भीड़ सिद्धू का समर्थन करती दिखी. सिद्धू लंबे समय बाद किसी सियासी कार्यक्रम में देखे गए. सिद्धू हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर सड़कों पर उतरकर किसानों के साथ विरोध करते दिखे.

बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा में कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक पारित कर दिया. आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक पारित किया जा चुका है. 

सिद्धू ने कही ये बात

सड़क पर उतरे सिद्धू ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसान बिल से जमाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. क्या सरकार रोटी को आवश्यक वस्तु नहीं मानती है?

सिद्धू ने अपने यूट्यूब चैनल ‘जीतेगा पंजाब’ पर मंगलवार को इस बात पर जोर दिया कि वह इन विधेयकों के खिलाफ उच्चतम न्यायालय जाने के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ये काले कानून लाकर, सरकार किसानों को दरकिनार कर रही है.’’

पूर्व मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र की सरकार ने ‘‘चार से पांच लाख करोड़ रुपये कर माफ करके और करों में सब्सिडी और छूट देकर उद्योगपतियों की लीक से हटकर मदद की है. हालांकि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की बारी आती है तो इतना हो हल्ला होता है.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी ने किसानों को बर्बाद कर दिया. ये काले कानून किसानों को बर्बाद कर देंगे. करीब 28,000 आढ़तिये और चार से पांच लाख मंडी श्रमिक भी प्रभावित होंगे.’’

देश भर में हो रहे हैं प्रदर्शन 

लोकसभा में बिल पेश किए जाने के साथ ही देश के कई हिस्सों में खासकर पंजाब और हरियाणा में किसान कृषि बिल के विरोध में प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. संसद में विपक्षी दलों का प्रदर्शन भी देखने को मिला. लोकसभा में बिल पास होने के साथ ही बीजेपी की सहयोगी पार्टी अकाली दल की नेता व मोदी सरकार के मंत्रिमंडल की सदस्य हरसिमरत कौर बादल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. 

बिल को लेकर राज्यसभा में भी हुआ था बवाल

राज्यसभा में 20 सितंबर को कृषि बिल पारित करने के दौरान विपक्षी पार्टियों ने खूब हंगामा किया था. TMC सांसत डेरेक ओ ब्रायन ने उप सभापति के आसन के नजदीक जाकर रूल बुक को फाड़ दिया था. उप सभापति ने सदन में हंगामें के दौरान ही ध्वनिमत से दो कृषि बिल पारित करा दिए थे.

इस घटना के बाद राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने TMC सांसद समेत 8 विपक्षी सांसदों को सदन से निलंबित कर दिया था.