उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) की बहू अपर्णा यादव (Aparna Bisht Yadav) आज बीजेपी (BJP) में शामिल हो गई हैं. राज्य चुनावों से कुछ सप्ताह पहले अपर्णा यादव का बीजेपी में जाना समाजवादी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका है.

पार्टी का हाथ थामने के बाद संवाददाता सम्मेलन में अपर्णा यादव ने कहा, “मैं प्रधानमंत्री मोदी से प्रभावित रही हूं. स्वच्छ भारत जैसे बीजेपी के अभियानों से हमेशा प्रभावित रही हूं. मेरे लिए राष्ट्रधर्म सबसे ज़रूरी है और मैं उसी राह पर निकली हूं.”

क्या हैं इसके मायने

अपर्णा यादव के बीजेपी में शामिल होने से समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को तो झटका लगेगा ही, साथ ही बीजेपी को जिताऊ प्रत्याशी भी मिल जाएगा. बीजेपी अखिलेश यादव पर अपने परिवार को ही साथ नहीं रख पाने का आरोप लगा सकती है. साथ ही बीजेपी को चुनावों में एक प्रभावी चेहरा भी मिलेगा. 

अपर्णा यादव मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी साधना गुप्ता के बेटे प्रतीक यादव की पत्नी हैं. सौतेले भाई की पत्नी के बीजेपी में जाने की संभावना पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि हमारे परिवार की हमसे ज़्यादा चिंता तो बीजेपी वाले कर रहे हैं.

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यूपी के तीन मंत्रियों और कई विधायकों के अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी में शामिल होने के बाद अब ये बीजेपी की तरफ से जैसे को तैसा के रूप में देखा जा रहा है. हरियाणा के बीजेपी प्रभारी अरुण यादव ने मंगलवार रात को ट्वीट किया, “मुलायम सिंह यादव के छोटे बेटे प्रतीक की पत्नी अपर्णा यादव कल सुबह 10 बजे योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल होंगी.”

मुलायम सिंह यादव के बेटे अखिलेश यादव यूपी में सत्तारूढ़ बीजेपी के लिए अहम चुनौती बनकर उभरे हैं. उन्होंने कई विपक्षी दलों – ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार की राकांपा का समर्थन भी अर्जित किया है – जो 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने की कोशिश कर रहे हैं.

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अभी हाल ही में यूपी सरकार के तीन मंत्री और कुछ बीजेपी विधायक समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. यूपी के तीन पूर्व मंत्री जिनका अखिलेश यादव ने अपनी पार्टी में स्वागत किया, वे हैं स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म सिंह सैनी और दारा सिंह चौहान. विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, मुकेश वर्मा और भगवती सागर उन विधायकों में शामिल थे जिन्होंने समाजवादी पार्टी जॉइन की. 

उन्होंने राम मंदिर के लिए 11 लाख 11 हजार का चंदा भी दिया था. इसके साथ दत्तात्रेय होसबले के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह बनने पर उनके साथ अपनी फोटो भी शेयर की थी.

अपर्णा यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर लखनऊ कैंट से राज्य चुनाव लड़ा था. हालांकि, वह बीजेपी प्रत्याशी रीता बहुगुणा जोशी के बाद दूसरे स्थान पर रहीं. जोशी तब कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आई थीं. अपर्णा एक संस्था – बावेयर (bAware) चलाती हैं – जो महिलाओं के मुद्दों के लिए काम करती है और लखनऊ में गायों के लिए एक आश्रय स्थल भी चलाती हैं. अपर्णा यादव अतीत में प्रधानमंत्री मोदी की विकास परियोजनाओं की प्रशंसा कर चुकी हैं. 

यूपी में सात चरणों में 10 फरवरी से 7 मार्च के बीच मतदान होना है, जबकि नतीजे 10 मार्च को आएंगे. 

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