प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक जयंती के मौके पर देश को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला लिया है. पीएम मोदी ने आगे कहा, “हमने कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया. साथ ही पीएम मोदी ने किसानों से अपील की, आप अपने अपने घर लौटे, खेत में लौटें, परिवार के बीच लौटें, एक नई शुरुआत करते हैं.”

किसानों को लेकर क्या-क्या बोले पीएम मोदी- 

* मैंने अपने 5 दशक के सार्वजनिक जीवन में किसानों की परेशानियों और चुनौतियों को बहुत करीब से देखा और महसूस किया है. जब देश ने मुझे 2014 में प्रधानमंत्री के रूप में सेवा का अवसर दिया तो हमने कृषि विकास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी.

देश के छोटे किसानों की चुनौतियों को दूर करने के लिए हमने बीज, बीमा, बाजार और बचत, इन सभी पर चौतरफा काम किया. सरकार ने अच्छी गुणवत्ता के बीज के साथ ही किसानों को नीम कोटेड यूरिया, स्वायल हेल्थ कार्ड, माइक्रो इरिगेशन जैसी सुविधाओं से भी जोड़ा. 

आपदा के समय ज़्यादा से ज़्यादा किसानों को आसानी से मुआवज़ा मिल सकें इसके लिए पूराने नियम बदले हैं. बीते 4 सालों में एक लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा का मुआवज़ा हमारे किसानों को मिला है. 

हमने MSP बढ़ाई और रिकॉर्ड सरकारी खरीद केंद्र भी बनाए. हमारी सरकार द्वारा की गई उपज की खरीद ने पिछले दशकों के रिकॉर्ड तोड़ दिए. किसानों को उनकी मेहनत के बदले उपज की सही कीमत मिले, इसके लिए भी कदम उठाए. हमने ग्रामीण बाजार के बुनियादी ढांचा को मजबूत किया.

कृषि में सुधार के लिए तीन कानून लाए गए थे. ताकि छोटे किसानों को और ताकत मिले. सालों से ये मांग देश के किसान और विशेषज्ञ, अर्थशास्त्री मांग कर रहे थे. जब ये कानून लाए गए, तो संसद में चर्चा हुई. देश के किसानों, संगठनों ने इसका स्वागत किया, समर्थन किया.

मैं सभी का बहुत बहुत आभारी हूं. साथियों हमारी सरकार किसानों के कल्याण के लिए देश के कृषि जगत के हित में, गांव, गरीब के हित में पूर्ण समर्थन भाव से, नेक नियत से ये कानून लेकर आई थी. लेकिन इतनी पवित्र बात पूर्ण रूप से किसानों के हित की बात हम कुछ किसानों को समझा नहीं पाए. भले ही किसानों का एक वर्ग इसका विरोध कर रहा था. हमने बातचीत का प्रयास किया. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी गया.