पंजाब में कांग्रेस के लिए संकट ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद को सुलझाने के लिए सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया और बाद में अमरिंदर सिंह को सीएम पद से मजबूर होकर इस्तीफा देना पड़ा. अब सिद्धू ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देकर पार्टी की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. इस पूरे घटनाक्रम पर कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने निराशा जताई है और आलाकमान की नाकामी बताई है. 

पंजाब की मौजूदा स्थिति से पाकिस्तान खुश होगा: तिवारी  

वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने कहा, “पंजाब में जो घटनाक्रम पिछले कुछ दिनों में घटा, वो दुर्भाग्यपूर्ण था. अगर पंजाब की अस्थिरता पर किसी को खुशी है तो वो पाकिस्तान को है. उनको लगता है कि पंजाब में राजनीतिक अस्थिरता बढ़ती है तो उनको फिर अपने काले मंसूबों को अंजाम देने का एक और मौका मिलेगा.” मनीष तिवारी श्री आनंदपुर साहिब से कांग्रेस सांसद हैं. वे पूर्व सीएम अमरिंदर सिंह के प्रशंसक हैं. 

तिवारी ने कहा- जिन लोगों को जिम्मेदारी मिली वह फेल रहे

तिवारी ने आगे कहा, “मुझे ये बात कहने में बिल्कुल भी संकोच नही है कि जिन लोगों को ज़िम्मेदारी दी गई थी वो पंजाब को समझ नहीं पाए. चुनाव एक पहलू है पर राष्ट्र हित दूसरा पहलू है. पंजाब की राजनीतिक स्थिरता को बहाल करने की ज़रूरत है.” बता दें कि पंजाब कांग्रेस में मनमुटाव को दूर करने के लिए उत्तराखंड के पूर्व सीएम व पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत सक्रिय रूप से काम कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान पंजाब के कई दौरे भी किए. 

यह भी पढ़ेंः इस्तीफे के बाद नवजोत सिद्धू का पहला वीडियो, बोले- दागियों के खिलाफ लड़ाई लड़ता रहूंगा

पंजाब कांग्रेस में मंगलवार (28 सितंबर) को नवजोत सिंह सिद्धू ने अचानक से प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया. वहीं, इसके कुछ देर बाद ही पार्टी के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद दो दिन पहले कैबिनेट में शामिल हुई राजिया सुल्ताना ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है इसके बाद पार्टी के कार्यकर्ता हदप्रद हैं.

यह भी पढ़ेंः ‘कैप्टन’ से नवजोत सिद्धू की नहीं बनती, 1996 में भी भिड़ गए थे, जानें तब क्या हुआ था

सिद्धू ने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेजा है. उन्होंने अपने इस्तीफे वाले खत में लिखा, किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं. इसीलिए मैं पंजाब प्रदेश अध्यक्ष के पद से तुरंत इस्तीफा देता हूं. हालांकि उन्होंने ये भी लिखा कि वह कांग्रेस में बने रहेंगे.

सिद्धू को 23 जुलाई को पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उनके पद पर आने के बाद ही अमरिंदर सिंह काफी नाराज हो गए और उन्हें सीएम पद से इस्तीफा दे दिया. यही नहीं उन्होंने सिद्धू के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया. वहीं, अमरिंदर सिंह ने सिद्धू के इस्तीफे पर कहा, मैंने तुमसे कहा था…वह स्थिर व्यक्ति नहीं है और सीमावर्ती राज्य पंजाब के लिए उपयुक्त नहीं है.

यह भी पढ़ेंः कांग्रेस में शामिल हुए कन्हैया कुमार और जिग्नेश मेवाणी, पार्टी के अंदर ही पूछे जा रहे सवाल