Manipur: मणिपुर में महिलाओं के साथ जिस तरह से दरिंदगी की गई, ये न केवल मानवता को शर्मसार करती है. बल्कि पूरे देश का सिर शर्म से झुक जाता है. इस घटना पर केवल सरकार, प्रसाशन और पुलिस से ही सवाल नहीं होने चाहिए. बल्कि सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष के माननीयों से भी सवाल होने चाहिए. क्योंकि, Manipur में न केवल मानवता को तार-तार करने वाली घटना घटी बल्कि घटना घटने के बाद भी 49 दिनों से हर वो शख्स चुप रहा जो इस घटना पर कार्रवाई कर सकता था. क्या अब सरकार, प्रशासन, पुलिस, माननीय, समाज के ठेकेदार एक्शन लेने के लिए वायरल वीडियो का इंतजार करते हैं.
अगर इस घटना को लेकर सच कहा जाए तो जिन महिलाओं के साथ सरेआम दरिंदगी की गई. इसके लिए शायद सरकार तो क्या न्यायपालिका भी न्याय नहीं कर सकती है. क्योंकि, इस घटना का गुनहगार एक भीड़, एक समुदाय और एक क्षेत्र के लोग नहीं बल्कि पूरी सिस्टम जिम्मेदार है. अब अगर सरकार से लेकर न्यायपालिका इस पर कानून की तर्कों के अनुसार न्याय कर भी दे तो वह न्याय शायद ही होगा.
मणिपुर की घटना में अब जांच शुरू हुई है और आरोपियों को पकड़ा जा रहा है. लेकिन एक बड़ी बात सामने आई कि, घटना पुलिस की संज्ञान में हुई है. क्योंकि, जब दो समुदाय के बीच झड़प चल रही थी तो एक परिवार के लोग जंगल भाग गए थे. जिसे बचाकर पुलिस ला रही थी. लेकिन पुलिस से उन लोगों को भीड़ ने छीन लिया और पांच में से भाई और पिता को मार डाला गया और तीन महिलाओं को नग्न कर दरिंदगी की गई. शर्म की बात ये है कि पुलिस तब भी शिकायत का इंतजार कर रही थी. इन बातों के बाद सरकार, प्रशासन, माननीय और पुलिस से ये 5 सवाल क्यों न पूछें जाए.
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Manipur की घटना के बाद 5 सवाल तो लाज्मी हैं
- घटना जब 4 मई को हुई तो 49 दिनों से पुलिस, प्रशासन और राज्य सरकार समेत क्षेत्र के माननीय क्या कर रहे थे. क्या इन पर मामला दर्ज होना चाहिए.
- बताया जा रहा है कि पुलिस वालों के पास से महिला समेत पांच लोगों को भीड़ ले गई और भाई पिता को मार कर महिलाओं से दरिंदगी की गई. इसके बाद भी पुलिस क्यों चुप रही.
- मैतई समुदाय की संख्या मणिपुर में सबसे अधिक है और सरकार में विधायक भी इसी समुदाय के सबसे अधिक है तो क्या सरकार बचाने के लिए चुप रहा गया.
- सरेआम महिला के साथ दरिंदगी की गई तो भी पुलिस शिकायत दर्ज करवाने का इंतजार क्यों कर रही थी.
- अब आखिरी सवाल महिलाओं की इज्जत को जिस तरह से सरेआम तार-तार कर दिया गया सरकार और न्यायपालिका उनके साथ किस तरह का न्याय करेंगी.