हर साल एक या दो चंद्र ग्रहण लगते हैं और 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को लगने वाला है. ग्रहण के दौरान सभी जीव जंतुओं और मनुष्यों पर इसका नकारात्मक असर भी पड़ता है. ऐसा कहा जाता है कि चंद्र ग्रहण के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य नहीं होते हैं. 2021 का पहला चंद्र ग्रहण 26 मई को लगा था और अब 19 नवंबर को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है. हालांकि यह आशिक रूप से ही लगेगा जो भारत के कुछ हिस्से में, अमेरिका, उत्तरी यूरोप, पूर्वी एशिया, ऑस्ट्रेलिया और प्रशांत महासागर क्षेत्र में नजर आएगा.

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टाइम्स नाऊ की एक रिपोर्ट मुताबिक, 19 नवंबर को 2021 का आखिरी चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है, इसके पहले 26 मई को चंद्र ग्रहण लगा था इसे भी भारत में नहीं देखा गया था. हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण विक्रम संवत 2078 में कार्तिक मास की पूर्णिमा को कृत्तिका नक्षत्र पर लगेगा . यह ग्रहण 11 बजकर 34मिनट से शुरू होकर शाम 05 बजकर 33 मिनट तक रहेगा. वैसे तो चंद्र ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं जो पूर्णं चंद्र ग्रहण, आंशिक चंद्र ग्रहण और उपछाया चंद्र ग्रहण होता है और 19 नवंबर को जो चंद्र ग्रहण लगने वाला है वो उपछाया चंद्र ग्रहण होगा जिसे पेनुमब्रल कहा जाता है.

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ग्रहण कैसे लगता है?

वैज्ञानिकों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण एक महत्वपूर्णं खगोलीय घटना होती है. जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आती है तो चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है और सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आते हैं तो इसे चंद्र ग्रहण कहते हैं. वहीं शास्त्रों के मुताबिक, जब ग्रहण पूर्ण रूप से लगता है तो इसका प्रभाव ज्यादा होता है. जब पूर्णं चंद्र ग्रहण लगता है तभी सूतक के नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है लेकिन उपछाया ग्रहण है तो सूतक के नियमों का पालन करने की जरूरत नहीं होती है.

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