पश्चिम बंगाल की सत्ता में आने के बाद से ममता बनर्जी यहां विधान परिषद बनाने की तैयारी कर रही हैं. हालांकि, उन्हें 10 सालों के शासन में सफलता नहीं मिली. उन्होंने 2011 में ही विधान परिषद बनाने का वादा किया था. हालांकि, अब विधानसभा में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पास कराया गया है. लेकिन अभी इसे संसद से मंजूरी मिलने में कई प्रक्रियाओं से गुजरना होगा.

पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को संविधान की धारा 169 के तहत राज्य में विधान परिषद के निर्माण को लेकर प्रस्ताव पारित कर दिया है. प्रस्ताव के पक्ष में 196 सदस्यों ने वोट किया तो वहीं विरोध में 69 वोट पड़े.

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पश्चिम बंगाल विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं ऐसे में विधान परिषद का गठन होगा तो उसमें 98 सीटें हो सकती है. क्योंकि विधान परिषद की संख्या विधानसभा की कुल सीटों की संख्या की एक तिहाई से ज्यादा नहीं हो सकती है.

बंगाल विधानसभा में विधान परिषद बनाने का प्रस्ताव पारित हो गया है लेकिन संसद के दोनों सदनों में पास कराना आसान नहीं है. लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंजूरी के बिना ये पारित होना संभव नहीं है.

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आपको बता दें, पश्चिम बंगाल में आजादी के बाद से विधान परिषद की व्यवस्था थी. लेकिन बाद में उसे खत्म कर दिया गया. 1952 में यहां 51 सदस्यों वाली विधान परिषद का गठन किया गया था. लेकिन 1969 में इसे खत्म कर दिया गया. अब फिर से इसके गठन की प्रक्रिया शुरू हो गई है. हालांकि, अभी भी इसका गठन आसानी से होना संभव नहीं दिख रहा है.

देश में मौजूदा समय में 6 राज्यों में विधान परिषद की व्यवस्था है. इसमें यूपी, बिहार, आंध्र प्रदेश तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र शामिल हैं. पहले जम्मू कश्मीर में भी ये व्यवस्था थी लेकिन केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद ये व्यवस्था खत्म कर दी गई.

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