बिहार में विधानसभा सीटों के लिए निर्धारित उपचुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (RLD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने मंगलवार को कहा कि वह कुशेश्वर अस्थान (एससी) और तारापुर में प्रचार करेंगे और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और सत्तारूढ़ एनडीए के ‘विसर्जन’ को सुनिश्चित करेंगे. यादव ने यह भी बताया कि वह बुधवार को कुशेश्वर अस्थान (एससी) और तारापुर में प्रचार करेंगे. दोनों सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान होना है. 

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243 सदस्यीय विधानसभा में RJD के पास सबसे अधिक विधायक हैं. RJD ने दावा किया है कि वह सत्तारूढ़ एनडीए से दो सीटें छीन लेगी और राज्य की राजनीति में ‘खेला’ शुरू करेगी. दोनों सीटों पर उपचुनाव संबंधित विधायकों की मौत के कारण हो रहे हैं, दोनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के JDU से हैं, जो प्रसाद के कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं.

लालू यादव ने ANI से बात करते हुए कहा, “मैं अभी बीमारी में चल रहा था लेकिन बिहारवासियों का मोह मुझे खींच कर लाया कि ऐसा महसूस हुआ कि वो लोग मुझे बुला रहे हैं इसलिए मैं निरोग हो गया. 27 अक्टूबर को मैं कुशेश्वरस्थान और तारापुर में जनता जनार्दन का नमन करूंगा. हम दोनों सीटों पर शानदार वोट से जीत रहे हैं.”

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लालू प्रसाद यादव ने उपचुनाव को लेकर कहा, “इन दोनों सीटों का बहुत महत्व है, निश्चित रूप से इनके यहां भगदड़ मचेगी और हम लोग सरकार बनाएंगे. बेईमानी से ये कब तक टिकेंगे? “

यादव ने आगे कहा, “देश की जनता विकल्प चाहती है और इसमें सबसे ज़्यादा आगे कांग्रेस पार्टी की भूमिका होनी चाहिए. कांग्रेस पार्टी के विषय में जो लोग बोलते हैं, किसी ने कांग्रेस पार्टी की हमसे ज़्यादा मदद की है क्या? ” बता दें कांग्रेस की वरिष्ठ नेता मीरा कुमार ने सोमवार को लालू प्रसाद पर पार्टी नेता भक्त चरण दास पर कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि इससे पूरे दलित समुदाय के स्वाभिमान को ठेस पहुंची है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर एक और कटाक्ष करते हुए यादव ने कहा, “नीतीश कुमार को पीएम मोदी और बीजेपी ने सराहा है. हर कोई नारा लगा रहा था “एक पीएम नीतीश जैसा होना चाहिए.” उन्हें पीएम सामग्री के रूप में बताया जा रहा था. ऐसा अहंकार और लालच हमने नहीं देखा. 

लालू प्रसाद यादव 3 साल से अधिक समय के बाद बिहार लौटे हैं. झारखंड उच्च न्यायालय ने इससे पहले अप्रैल में यादव को जमानत दे दी थी. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव का रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में दो साल से इलाज चल रहा था, उनको जनवरी में नई दिल्ली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में स्थानांतरित कर दिया गया था.

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