उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट का चुनाव हमेशा से ही चर्चा में रहा है. इस सीट पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया का हमेशा से ही दबदबा रहा है. कुंडा की सीट पर राजा भैया 1993 से हर एक विधानसभा चुनाव जीतते आ रहे हैं. कई बार निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में लड़ने वाले रघुराज प्रताप सिंह इस बार अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से चुनावी मैदान में हैं.  राजा भैया ने 1993 में पहली बार कुंडा राजा भैया ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जीत दर्ज की थी. 20 साल के बाद सपा ने पहली बार यहां से गुलशन यादव को मैदान में उतारा है.

कुंडा विधानसभा सीट पर काउंटिंग पूरी होने के बाद राजा भैया ने 30 हजार से अधिक मतों से चुनाव जीत लिया है. राजा भैया को 99612 मत मिले हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के गुलशन यादव को 69297 मत मिले हैं. बीजेपी की सिंधुजा मिश्रा 16455 मतों के साथ तीसरे नंबर पर हैं.

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1993 में 25 साल की उम्र में पहली बार प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा सीट (Kunda vidhan sabha) से निर्दलीय विधायक बने और तब से हर एक विधानसभा चुनाव को निर्दलीय प्रत्याशी की रूप में जीतते आए हैं. वह मुलायम सिंह, राम प्रकाश गुप्ता, कल्याण सिंह, राजनाथ सिंह और अखिलेश यादव की सरकारों में मंत्री रहे हैं. 

16 नवंबर 2018 को रघुराज प्रताप सिंह ने घोषणा की कि वह अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बना रहे हैं. वह इसी पार्टी के साथ 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव (UP Election 2022) में उतर रहे हैं. 

रघुराज प्रताप सिंह का जन्म 31 अक्टूबर 1969 को कोलकाता, पश्चिम बंगाल में एक राजपूत परिवार में हुआ था. उनके पिता राजा उदय प्रताप सिंह हैं और अवध के शाही भाद्री इस्टेट से हैं. उनके दादा राजा बजरंग बहादुर सिंह पंत नगर कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और बाद में हिमाचल प्रदेश राज्य के दूसरे राज्यपाल थे. रघुराज अपने परिवार में राजनीति में आने वाले पहले व्यक्ति थे. 

सिंह ने 1989 में लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने 15 फरवरी 1995 को भंवी कुमारी सिंह से शादी की, जिनसे उनके दो बेटे और दो बेटियां हैं. राजा भैया पेशे से किसान हैं. 

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