दिल्ली के सिंघु बॉर्डर से शुक्रवार सुबह एक ऐसी घटना सामने आई जिसने सभी को दहला कर रख दिया. पुलिस वालों ने एक युवक की लाश को बरामद किया. युवक के हाथ-पैर काट कर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी. मृतक पर आरोप लगाया जा रहा है कि उसके द्वारा पवित्र ग्रंथ का अपमान किया गया था.

इस हत्या के पीछे शुक्रवार सुबह से ही निहंग सिखों पर शक की सुई घूम रही थी. शुक्रवार शाम को एक निहंग ने हत्या की सारी जिम्मेदारी लेते हुए पुलिस के सामने अपने आपको सौंप दिया. पिछले वर्ष भी निहंग सिख खबरों में आए थे. पंजाब के पटियाला में एक पुलिस अधिकारी ने निहंग सिख से पास दिखाने की मांग की और उसके बदले में उस पुलिस अधिकारी का हाथ काट दिया था, इस घटना से सभी दहल गए थे.

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कौन होते हैं निहंग सिख?

साल 1699 में गुरु गोविंद सिंह द्वारा खालसा के निर्माण कार्य के लिए सिख योद्धाओं की एक खास सेना का गठन किया गया था. इस सेना में शामिल होने वाले लोगों को निहंग कहा जाता है. निहंग तपस्वी के सामान रहते हैं. इन्हें रक्षा के लिए जाना जाता है. दसम गुरुओं के काल में ये सिख गुरु साहिबानो के प्रबल प्रहरी होते थे. निहंगो ने इतिहास में मुगलों से लेकर अफ़गानों तक काफी लड़ाई लड़ी है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें निहंग सिख अपनी जान की परवाह किए बिना अपने धर्म और गुरु ग्रंथ साहिब की आखरी सांस तक रक्षा करते हैं. इनकी पहचान योद्धा के रूप में ही है. गुरु गोविंद सिंह के समय से ही इन्होंने बहुत सारी जंग जीती हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें अफगान आक्रमणकारी अहमद शाह अब्दाली के हमलों के दौरान निहंगो ने भयंकर प्रतिरोध किया था और उससे जंग लड़ी थी. महाराजा रणजीत सिंह की सरकार-ए-खालसा का श्रेय निहंग योद्धाओं को ही दिया जाता है.

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श्री गुरु ग्रंथ साहिब में निहंग का मतलब एक जिद्दी, निडर व्यक्ति के तौर पर है. इनमें भी अलग-अलग दल बनाए गए हैं जिसमें तरुण दल, बुड्ढा दल आदि दल शामिल है. मानवता की रक्षा और धर्म की कट्टरता से पालन करते हुए इन्हें मार्शल आर्ट के साथ-साथ युद्ध की अन्य कौशल कला की शिक्षा भी दी जाती है.

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