पंजाब के पटियाला सेंट्रल जेल में बंद कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू क्लर्क के तौर पर काम करेंगे. वह जेल में उन्हें क्लर्क के काम के लिए सहायक मुंशी के रूप में नियुक्त किया गया है. बता दें, नवजोत सिंह सिद्धू 1988 के रोड रेज मौत मामले में एक साल की जेल की सजा काट रहे हैं. पीटीआई के मुताबिक, अधिकारी ने कहा कि सिद्धू को ‘मुंशी’ नियुक्त किया गया है. सुरक्षा के लिहाज से वह अपना काम बैरक से ही करेंगे. उन्हें फाइल बैरक में ही भेज दिये जाएंगे.
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नवजोत सिंह सिद्धू को उनके इस काम के लिए 40 से 60 रुपये का वेतन दिया जाएगा. क्योंकि, जेल नियमावली के अनुसार, कैदियों को अकुशल, अर्ध-कुशल और कुशल के रूप में वर्गीकृत किया जाता है. अकुशल और अर्धकुशल कैदियों को क्रमश: 40 रुपये और 50 रुपये प्रतिदिन मिलते हैं. कुशल कैदियों को प्रतिदिन 60 रुपये मिलते हैं.
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बताया जा रहा है कि, सिद्धू के लिए डॉक्टरों बोर्ड के द्वारा खाने के लिए विशेष भोजन की सिफारिश की है. उनका मेडिकल परीक्षण 23 मई को पंजाब के पटियाला के राजिंद्र अस्पताल में किया गया था.
खाने में सिद्धू के सुबह के नास्ते से लेकर दोपहर का खाना और रात के भोजन को लेकर एक लिस्ट दी गई है. जिसमें बताया गया है कि, वह सुबह, दोपहर, शाम और रात को क्या खाएंगे. इसमें ड्राइ फ्रूट, चाय, दूध, फल, सब्जी, रोटी, सूप, गर्म पानी सारी चीजें अंकित की गई हैं.
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बता दें, कांग्रेस नेता एम्बोलिज्म जैसी रोग से पीड़ित हैं और उन्हें लीवर की बीमारी है. 2015 में, उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में एक्यूट डीप वेन थ्रॉम्बोसिस (DVT) का इलाज कराया था. डीवीटी एक गहरी नस में रक्त के थक्के के कारण होता है जो सामान्य रक्त प्रवाह में बाधा डालता है.
पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख सिद्धू ने स्थानीय अदालत के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. जिसके बाद 20 मई को पटियाला केंद्रीय जेल भेज दिया गया था. 1988 के रोड रेज में हुई मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें एक साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
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शीर्ष अदालत ने उन्हें 34 साल पुराने मामले में यह कहते हुए सजा सुनाई थी कि अपर्याप्त सजा देने में किसी भी तरह की अनुचित सहानुभूति न्याय प्रणाली को अधिक नुकसान पहुंचाएगी और कानून की प्रभावशीलता में जनता के विश्वास को कमजोर करेगी.
इस घटना में गुरनाम सिंह नाम के 65 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी.