उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के देवरिया (Deoria) जिले से एक दिल दहलाने वाला मामला सामने आया है. यहां अपहरण के बाद बच्चे की हत्या के केस में ट्यूशन टीचर के बेटे-बहू और पोते को अरेस्ट कर जेल भेज दिया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीचर के घर में 6 वर्ष के मासूम की लाश मिली थी. पब्जी (PUBG) गेम खेलने के शौकीन पोते ने अपने दादा को फंसाने के लिए इस वारदात को अंजाम दिया था. इस पूरे मामले का कुछ देर बाद ही पुलिस (Police) ने खुलासा कर दिया.

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यह वारदात देवरिया जिले के लार थाना इलाके के हरखौली गांव में हुई है. गांव के निवासी गोरख यादव का बेटा संस्कार यादव बुधवार की शाम को गांव में ही एक शिक्षक के घर ट्यूशन पढ़ने के लिए गया था. लेकिन वह वापस घर नहीं लौटा, जब घरवालों ने खोजबीन शुरू की तो उनको कोई सफलता नहीं मिल पाई.

आजतक न्यूज़ के अनुसार, इसके कुछ देर बाद गांव के लोग बाइक लेकर मासूम की तलाश करने लगे. इसी बीच गांव के बाहर एक खेत में एक लेटर मिला,जिसमें लिखा था कि गोरख यादव 5 लाख रुपये की व्यवस्था करो नहीं तो तुम्हारे लड़के को नहीं छोड़ा जाएगा. इस मामले की जानकारी स्थानीय पुलिस थाने में दी गई. रात करीब 9 बजे गांव में पुलिस पहुंची तो छानबीन शुरू की. लेकिन फिर भी बच्चे के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं मिली.

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इसके बाद शक के आधार पर पुलिस ने ट्यूशन टीचर के बेटे राजकुमार से देर रात पूछताछ की. तो पुलिस को इस बात की जानकारी मिली कि बच्चे का शव ट्यूशन टीचर के घर के शौचालय के अंदर पड़ा है.

बता दें कि पूछताछ के दौरान पता चला कि बुजुर्ग टीचर के पोते अरुण विश्वकर्मा (20 साल) ने मासूम काअपहरण कर लिया था. फिर इसके बाद फेवीक्विक (feviquick) के द्वारा बच्चे का दोनों होठों को चिपकाकर उसका मुंह बंद कर दिया और दोनों हाथ पैर बांध दिए थे. मारपीट के बाद उसकी हत्या कर दी गई. मासूम के शव को घर के बाहर बने टॉयलेट में छिपा दिया था.

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देर रात को पुलिस ने शव को बरामद किया. पुलिस ने आईपीसी की धाराओं 302, 201,120 B और 364 A के तहत मुकदमा दर्ज किया है. पुलिस ने अरुण विश्वकर्मा , उसके पिता राजकुमार शर्मा और उसकी मां कुमकुम देवी को जेल भेज दिया. इस मामले के बारे में एसपी संकल्प शर्मा ने कहा कि इस जघन्य हत्याकांड में पुलिस गैंगस्टर की भी कार्यवाही करने जा रही है.

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मिली जानकारी के अनुसार, टीचर का पोता अरुण विश्वकर्मा कोई काम नहीं करता था और सट्टेबाबी में पैसा लगाता था. इसके साथ ही पब्जी गेम खेलने का शौकीन था. इसके दादा-दादी (ट्यूशन शिक्षक और पत्नी) गेम खेलने के लिए मना करते थे, जब वह पैसों की मांग करता था. तो डांटकर भगा देते थे, जिससे पोते अरुण ने उन्हें सबक सिखाने के लिए घर में ट्यूशन पढ़ने आए 6 वर्ष के मासूम की हत्या कर दी.