अहमदाबाद (Ahmedabad) की एक अदालत ने शुक्रवार 16 सितंबर 2022 को गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष और विधायक जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) और 18 अन्य को 2016 में दंगा और गैरकानूनी रूप से जमा होने के मामले में 6 महीने की जेल की सजा सुनाई.
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आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जिग्नेश मेवाणी (Jignesh Mevani) ने साल 2016 में गुजरात विश्वविद्यालय के विधि भवन का नाम डॉक्टर बीआर अंबेडकर के नाम पर रखने के लिए एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.
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बता दें कि इससे पहले मई में गुजरात के मेहसाणा में एक मजिस्ट्रेट अदालत ने जिग्नेश मेवाणी और 9 अन्य को बिना अनुमति के ‘आजादी मार्च’ आयोजित करने के 5 साल पुराने मामले में दोषी ठहराया और उन्हें 3 महीने की कैद की सजा सुनाई. फैसला सुनाते समय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जेए परमार ने जिग्नेश मेवाणी और एनसीपी पदाधिकारी रेशमा पटेल और राष्ट्रीय दलित अधिकार मंच के कुछ सदस्यों सहित 9 अन्य को भारतीय दंड की धारा 143 के तहत जुलाई 2017 में एक गैर कानूनी सभा का हिस्सा होने का दोषी ठहराया था.
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अदालत ने सभी 10 दोषियों पर एक हजार रुपये का जुर्माना भी ठोका था. बता दें कि रेशमा पटेल, जो उस समय पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की समर्थक थी, वह किसी भी राजनीतिक दल की सदस्य नहीं थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फिलहाल ये मामला उच्च न्यायालय में लंबित है और जिग्नेश मेवाणी की सजा पर रोक लगा दी गई है.