झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सीएम की कुर्सी जाने की संभावना के बीच सोरेन और उनकी सहयोगी कांग्रेस अपने विधायकों को किसी सुरक्षित जगह ले जा रही है. जहां विपक्ष उनसे संपर्क न बना सकें. कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्हें कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ शिफ्ट किया जाएगा.  

मुख्यमंत्री आवास पर एक बैठक के बाद हेमंत सोरेन और विधायक सामान के साथ बसों में चढ़ते और निकलते देखे गए. सूत्रों का कहना है कि उन्हें रांची से लगभग 30 किलोमीटर दूर खूंटी ले जाया जा रहा है. हालांकि, कुछ रिपोर्टों में पहले कहा गया था कि सत्तारूढ़ गठबंधन पश्चिम बंगाल या छत्तीसगढ़ जैसे ‘मित्र राज्यों’ पर भी विचार कर रहा है. 

गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले हेमंत सोरेन ने राज्य में बनती राजनीतिक स्थिति से निपटने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन के विधायकों की बैठक की. बताया जा रहा है इस बैठक में 43 विधायक शामिल थे. 

एक नेता ने समाचार एजेंसी PTI को बताया, “अगर जरूरत पड़ी तो सभी सत्तारूढ़ विधायकों को एक ही जगह पर भेजा जाएगा. सभी विधायक अपना सामान लेकर मुख्यमंत्री आवास पर महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होने आए हैं.”

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PTI ने सूत्रों के हवाले से बताया, राज्यपाल रमेश बैस 27 अगस्त को चुनाव आयोग (ECI) को हेमंत सोरेन की विधायकी की अयोग्यता का आदेश भेज सकते है. इससे पहले चुनाव आयोग ने गुरुवार को राज्यपाल बैस को एक याचिका पर अपनी राय भेजी थी, जिसमें सोरेन को एक खनन पट्टे मामले में चुनावी मानदंडों का उल्लंघन करने के लिए विधायक के रूप में अयोग्य घोषित करने की मांग की गई थी. मामले में याचिकाकर्ता बीजेपी ने सोरेन को अयोग्य घोषित करने की मांग की थी. फ़िलहाल वे बरहेट विधानसभा सीट से विधायक हैं.

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81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन के 49 विधायक हैं. सबसे बड़ी पार्टी झामुमो के 30 विधायक, कांग्रेस के 18 विधायक और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) का एक विधायक हैं. मुख्य विपक्षी दल भाजपा के पास 26 विधायक हैं.