ओडिशा में जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा का बहुप्रतीक्षित और श्रद्धेय त्योहार इस साल 12 जुलाई से शुरू होगा. 10 दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में खासा उत्साह है और तैयारियां जोरों पर हैं. महत्वपूर्ण उत्सव के अवसर का सम्मान करने के लिए, रेत कलाकार सुदर्शन पटनायक ने अपने फॉलोअर्स के साथ ट्विटर के जरिए रेत रथ की अपनी शानदार कलाकृति शेयर की है.

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “रथयात्रा के अवसर पर हमने ओडिशा के पुरी बीच पर भगवान जगन्नाथ के 43.2 फीट लंबे और 35 फीट चौड़े नंदीघोसा रथ का सबसे बड़ा 3डी सैंड आर्ट रथ बनाया है. हमें उम्मीद है कि यह एक नया रिकॉर्ड होगा. #जय जगन्नाथ”

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सुदर्शन के नाम गिनीज रिकॉर्ड समेत कई लिम्का रिकॉर्ड हैं.अब तक पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित सेंड कलाकार सुदर्शन ने दुनिया भर में 60 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं और समारोहों में भाग लिया है और देश के लिए कई पुरस्कार जीते हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पद्मश्री कैलाश खेर और भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा द्वारा गाया गया ‘जगन्नाथ स्वामी’ नामक एक भक्ति गीत जारी किया. ‘अष्टकम’ की रचना आदि शंकराचार्य ने की थी. धर्मेद्र प्रधान ने एक ट्वीट कर कहा कि संबित पात्रा और कैलाश खेर द्वारा महाप्रभु को समर्पित एक मधुर भजन ‘जगन्नाथ अष्टकम’ का शुभारंभ करने के लिए सम्मानित.

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पुरी जगन्नाथ मंदिर के प्रशासक अजय जेना के अनुसार, COVID-19 के लिए नेगेटिव पाए गए सेवकों को रथ खींचने में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा, तीन हजार ‘सेवायत’ (सेवक) और 1000 मंदिर अधिकारियों को सभी अनुष्ठान करने की अनुमति होगी. पुरी में आठ जुलाई से चार जगहों पर आरटीपीसीआर की जांच हो रही है.

रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ से जुड़ा एक त्योहार है जो ओडिशा राज्य में प्रतिवर्ष पुरी में आयोजित किया जाता है. रथ उत्सव के रूप में भी जाना जाता है, इस वर्ष भगवान की 144 वीं रथ यात्रा का प्रतीक है. रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ की गुंडिचा माता मंदिर की वार्षिक यात्रा की याद दिलाती है.

ऐसा माना जाता है कि पुरी जगन्नाथ मंदिर का निर्माण करने वाले पौराणिक राजा इंद्रद्युम्न की पत्नी रानी गुंडिचा को सम्मान देने के लिए, भगवान जगन्नाथ भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ मुख्य मंदिर से अपना नियमित निवास छोड़ते हैं और कुछ समय बिताते हैं.यह मंदिर गुंडिचा ने उनके सम्मान में बनवाया था.

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