अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी में बिगड़ते सुरक्षा हालातों के बीच भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के एक परिवहन सैन्य विमान द्वारा शनिवार को काबुल से लगभग 80 भारतीय नागरिकों को निकाला गया. भारतीयों को निकालने के बाद विमान ताजिकिस्तान के दुशांबे में उतरा. उड़ान शाम को दिल्ली के पास हिंडन एयरबेस पर पहुंचने की उम्मीद है.

भारत ने रविवार को काबुल पर तालिबान के कब्जा किए जाने के बाद भारतीय वायुसेना के दो सी-17 भारी-भरकम परिवहन विमानों की मदद से काबुल में अपने दूतावास के कर्मचारियों सहित 200 लोगों को पहले ही रेस्क्यू किया था. पहली रेस्क्यू फ्लाइट सोमवार को 40 से अधिक भारतीयों को वापस लाई थी. 

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दूसरे सी-17 विमान ने मंगलवार को भारतीय राजनयिकों, अधिकारियों, सुरक्षा कर्मियों और कुछ फंसे भारतीयों समेत करीब 150 लोगों को सुरक्षित निकाला. अमेरिकी सेना की वापसी की पृष्ठभूमि में तालिबान ने इस महीने पूरे अफगानिस्तान में काबुल सहित लगभग सभी प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया. 

अमेरिका के सहयोग से करीब 200 भारतीयों को रेस्क्यू करने का मिशन पूरा किया गया. रेस्क्यू के बाद, विदेश मंत्रालय ने कहा कि अब ध्यान अफगान राजधानी से सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने पर होगा. 

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MEA ने कहा कि सरकार की तत्काल प्राथमिकता अफगानिस्तान में वर्तमान में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों के बारे में सटीक जानकारी प्राप्त करना है. इसने भारतीयों के साथ-साथ उनके नियोक्ताओं से विशेष अफगानिस्तान सेल के साथ प्रासंगिक विवरण तत्काल साझा करने का भी अनुरोध किया. 

एक अनुमान के अनुसार, अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की संख्या लगभग 400 हो सकती है और भारत उन्हें निकालने के तरीकों पर विचार कर रहा है, जिसमें अमेरिका और अन्य मित्र देशों के साथ समन्वय करना शामिल है. 

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