आज पूरा भारत 76वां स्वतंत्रता दिवस (Independence Day) बहुत उत्साह और खुशी के साथ मना रहा है. इस खास अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने लाल किले की प्राचीर से 9वीं बार ध्वजारोहण किया और राष्ट्र को संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कई अहम बातें कही. चलिए आपको पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें बताते हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें-

1. आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर देशवासियों को अनेक-अनेक शुभकामनाएं, बहुत-बहुत बधाई. मैं विश्व भर में फैले हुए भारत प्रेमियों को, भारतीयों को आजादी के इस अमृत महोत्सव की बहुत-बहुत बधाई देता हूं.

2. ये देश का सौभाग्य रहा है कि आजादी की जंग के कई रूप रहे हैं. उसमें एक रूप वो भी था जिसमें नारायण गुरु हो, स्वामी विवेकानंद हो, महर्षि अरबिंदो हों, गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर हों, ऐसे अनेक महापुरुष हिंदुस्तान के हर कोने में भारत की चेतना को जगाते रहे.

3. हिंदुस्तान का कोई कोना, कोई काल ऐसा नहीं था, जब देशवासियों ने सैकड़ों सालों तक गुलामी के खिलाफ जंग न की हो, जीवन न खपाया हो, यातनाएं न झेली हो, आहुति न दी हो. आज हम सब देशवासियों के लिए ऐसे हर महापुरुष को, हर त्यागी और बलिदानी को नमन करने का अवसर है.

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4. देश कृतज्ञ है मंगल पांडे, तात्या टोपे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, चंद्रशेखर आजाद, अशफाक उल्ला खां, राम प्रसाद बिस्मिल ऐसे अनगिनत हमारे क्रांतिवीरों ने अंग्रेजों की हुकूमत की नींव हिला दी थी.

5. भारत लोकतंत्र की जननी है. मदर ऑफ डेमोक्रेसी है, जिनके जहन में लोकतंत्र होता है वे जब संकल्प करके चल पड़ते हैं वो सामर्थ्य दुनिया की बड़ी-बड़ी सल्तनतों के लिए भी संकट का काल लेकर आती है ये मदर ऑफ डेमोक्रेसी.

6. हिंदुस्तान के हर कोने में उन सभी महापुरुषों को याद करने का प्रयास किया गया, जिनको किसी न किसी कारणवश इतिहास में जगह नहीं मिली या उनको भुला दिया गया था. आज देश ने खोज-खोज कर ऐसे वीरों, महापुरुषों, बलिदानियों, सत्याग्रहियों को याद किया, नमन किया.

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7. प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राष्ट्र संबोधन में देश को आगे बढ़ाने के लिए, देश की तरक्की के लिए पांच बड़े प्रण लिए.

8. जब तनाव की बात होती है तो लोगों को योग दिखता है. सामूहिक तनाव की बात होती है तो भारत की पारिवारिक व्यवस्था दिखती है. संयुक्त परिवार की एक पूंजी सदियों से हमारी माताओं के त्याग बलिदान के कारण परिवार नाम की जो व्यवस्था विकसित हुई, ये हमारी विरासत है जिसपर हम गर्व करते हैं.

9. हमने देखा है कि कभी-कभी हमारी प्रतिभा भाषा के बंधनों में बंध जाती है. ये गुलामी की मानसिकता का परिणाम है. हमें हमारे देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए.

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10. जो लोग, पिछली सरकारों में देश को लूटकर भाग गए उनकी संपत्तियां जब्त करके वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जिन्होंने देश को लूटा है, उन्हें लौटाना पड़े वो स्थिति हम पैदा कर रहे हैं. हम भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक कालखंड में कदम रख रहे हैं.