अगर सोचों आपसे कहा जाए कि आपको रोजाना खाली हाथ एक ऐसी जगह पर जाना हैं और वहां से आपको सोना मिल जाएगा. तो इस बात को लोग जानकर हैरान हो जाएंगे. जी हां, ये बात बिलकुल सच हैं कि विश्व में एक ऐसी जगह हैं, जहां ऐसा ही होता है. वहां के लोग सुबह उठते हैं और नदी किनारे जाते हैं. जहां उन्हें सोना मिल जाता है. वो सोना लाकर उसे बेच देते हैं और अपना गुजारा करते हैं. यहां पर लोगों का कई वर्षों से ये कमाई का जरिया हैं.

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Deutsche Welle की एक रिपोर्ट के अनुसार, ये जगह दक्षिणी थाईलैंड में है और ये मलेशिया से जुड़ा इलाका है. इस इलाके को गोल्ड माउंटेन कहा जाता है. लंबे समय से यहां पर सोने का खनन होता रहा है. लेकिन कोविड-19 के कारण आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से लोगों का पैसे कमाने का अहम जरिया बन गया है. लोग अब कीचड़ से छानकर सोना निकल रहे हैं.

आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस इलाके में सोने की खदानें रही हैं. इसी कारण आज के एक समय में भी सोना पाया जाता है.

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लेकिन आप ये सोचें यहां पर बहुत अधिक मात्रा में सोना निकलता हैं और लोग थैले भरकरले जाते हैं. तो ऐसा नहीं हैं. यहां पर अधिक मेहनत करने के बाद कुछ ग्राम सोना मिलता हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 15 मिनट तक काम करने के बाद इतना सोना निकल जाता है कि उससे एक दिन का गुजारा किया जा सकता है.रिपोर्ट में एक महिला की बात का वर्णन किया गया हैं. महिला ने बताया हैं कि 15 मिनट की मेहनत से करीब 244 रुपये का सोना निकाल लिया और वो महिला इस काम से काफी खुश हैं.

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भारत में भी एक नदी है जहां पर आज के समय में भी सोना निकलता हैं। इस नदी का नाम स्वर्णरेखा है और यह रांची नगर से 16 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित नगड़ी गाँव में रानी चुआं नामक स्थान से निकलती है. इसके अलावा यह नदी पश्चिम बंगाल और ओडिशा के भी अलग-अलग हिस्सों में सैकड़ों वर्षों से बह रही है. नदी में पानी के साथ सोना बहने के कारण की वजह से इसे स्वर्णरेखा नदी के नाम से जाना जाता है. इसके नाम के पीछे की भी वजह दिलचस्प है.

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लोगों का मानना है कि यह स्वर्णरेखा नदी अपने साथ सोना लाती है. इसी वजह से इसका स्वर्णरेखा नदी के नाम से जाना जाता है. बताया जाता यह कि झारखंड में कुछ जगहों पर स्थानीय आदिवासी स्वर्णरेखा नदी में से रेत छानकर सोने के कण एकत्रित करते हैं. इस कार्य में उनकी कई पीढ़ियां लगी हुई हैं. माड़ और सारंडा जैसे इलाके में बच्चे, महिलाएं, और पुरुष सुबह उठकर नदी से सोना इकट्ठा करने जाते हैं. आपको जानकारी के लिए बता दें कि इस मामले में अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं हुई कि यह नदी कैसे और कब सोना लेकर आती है.

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ओपोई इसकी पुष्टि नहीं करता है.

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