भारत (India) को जुलाई के महीने में नए राष्ट्रपति (President) और अगस्त में नए उपराष्ट्रपति (Vice President) मिल जाएंगे.  18 जुलाई 2022 को राष्ट्रपति के चुनाव हो रहे हैं. वहीं, 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति के चुनाव. उपराष्ट्रपति चुनाव के नतीजे उसे दिन आ जाएंगे यानी 6 अगस्त को ही पता लग जाएगा कि देश के अगले उपराष्ट्रपति कौन होंगे. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मौजूदा उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त 2022 को खत्म होने वाला है.

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भारत में उपराष्ट्रपति ही राज्यसभा के सभापति भी होते हैं. अगर किसी वजह से राष्ट्रपति का पद खाली होता है तो ऐसे में उपराष्ट्रपति ही राष्ट्रपति की जिम्मेदारी संभालते हैं. उपराष्ट्रपति राष्ट्रपति से नीचे, लेकिन प्रधानमंत्री से ऊपर होते हैं.

उपराष्ट्रपति के चुनाव में सिर्फ लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही भाग लेते हैं. इसके अलावा चुनाव में मनोनीत सदस्य भी हिस्सा लेते हैं जबकि राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा सांसद और सभी राज्यों की विधानसभा के विधायक वोट करते हैं.

आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए व्यक्ति का भारत का नागरिक होना जरूरी है. वहीं, उसकी उम्र 35 साल से ज्यादा होनी चाहिए और वह राज्यसभा का सदस्य चुने जाने की सारी योग्यता को पूरा करता हो. बता दें कि उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार को 15 हजार रुपये भी जमा कराने होते हैं. ये जमानत राशि की तरह होते हैं. चुनाव हार जाने पर या 1/6 वोट नहीं मिलने पर ये राशि जब्त हो जाती है.

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उपराष्ट्रपति चुनाव में कैसे और कौन डालता है वोट?

1. भारत के उपराष्ट्रपति चुनाव में इस बार 788 सदस्य वोट डालेंगे. इनमें राज्यसभा के 245 और लोकसभा के 543 सांसद हिस्सा लेंगे. बता दें कि राज्यसभा सदस्यों में 12 मनोनीत सांसद भी हैं.

2. देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति यानी प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन सिस्टम से होता है. इसमें वोटिंग खास तरह से होती है जिसे सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम कहते हैं.

3. उपराष्ट्रपति के चुनाव में मतदान के दौरान वोटर को एक ही वोट देना होता है, लेकिन उसे अपनी पसंद के आधार पर प्राथमिकता तय करनी होती है. बैलेट पेपर पर वोटर को पहली पसंद को एक, दूसरी को दो और इसी तरह से प्राथमिकता तय करनी होती है.

4. उदाहरण के तौर पर बताएं तो मान लीजिए कि अगर A, B और C उपराष्ट्रपति चुनाव में खड़े हैं तो वोटर को हर किसी के नाम के आगे अपनी पहली पसंद बतानी होगी. वोटर को A के आगे 1, B के आगे 2 और C के आगे 3 लिखना होगा.

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उपराष्ट्रपति चुनाव में कैसे होती है वोटों की गिनती?

1. उपराष्ट्रपति चुनाव का एक कोटा तय होता है, जितने सदस्य वोट डालते हैं उसकी संख्या को 2 से भाग देते हैं और फिर उसमें 1 जोड़ देते हैं. उदाहरण के तौर पर बताएं तो मान लीजिए कि चुनाव में 787 सदस्यों ने वोट डाले तो इसे 2 से भाग देने पर 393.50 आता है. इसमें 0.50 को गिना नहीं जाता इसलिए ये संख्या 393 हुई. अब इसमें 1 जोड़ने पर 394 होता है. चुनाव जीतने के लिए 394 वोट का मिलना बहुत जरूरी है.

2. उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान खत्म होने के बाद पहले राउंड की गिनती शुरू होती है. इसमें सबसे पहले ये देखा जाता है कि सभी उम्मीदवारों को पहली प्राथमिकता वाले कितने वोट मिले हैं. अगर पहली गिनती में ये किसी उम्मीदवार को जरूरी कोटे के बराबर या उससे ज्यादा वोट मिलते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है.

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3. अगर ऐसा नहीं हो पाता है तो फिर से गिनती की जाती है. इस बार उस उम्मीदवार को बाहर कर दिया जाता है जिसे सबसे कम वोट मिले होते हैं, लेकिन उसे पहली प्राथमिकता देने वाले वोटों में देखा जाता है कि दूसरी प्राथमिकता किसे दी गई है. फिर उसकी प्राथमिकता वाले ये वोट दूसरे उम्मीदवार में ट्रांसफर कर दिए जाते हैं.

4. इन सारे वोटों के मिल जाने से अगर किसी उम्मीदवार के जरूरी कोटा या उससे ज्यादा वोट आ जाते हैं तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है. अगर दूसरे राउंड में भी कोई विजेता नहीं बन पाता तो फिर से वही प्रक्रिया दोहराई जाती है. बता दें कि ये प्रक्रिया तब तक होती है जब तक कोई एक उम्मीदवार जीत न जाए.