हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) सावन मास (Sawan 2022) की
अमावस्या (Amavasya) को पड़ती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान
करने का अपना विशेष महत्व माना जाता है. साथ ही इस दिन को पितरों (Pitra) के
निमित्त श्राद्ध कर्म, पिंडदान और तर्पण करने के लिए काफी उचित माना जाता
है. वहीं ऐसी मान्यता है कि इस मौके पर पौधे लगाना अत्यंत शुभ होता है. माना जाता
है कि इस दिन भगवान शिव (Lord Shiv) और मां पार्वती (Maa Parwati) की
पूजा करने से उनका आर्शीवाद सदैव अपने भक्त पर बना रहता है. आपको बता दें, इस बार
हरियाली अमावस्या 28 जुलाई दिन गुरुवार को पड़ने जा रही है. आइए जानते
हैं हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya) की तिथि, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण
जानकारियों के बारे में.

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हरियाली अमावस्या 2022 की तिथि और शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार बात करें तो हरियाली अमावस्या
(Hariyali Amavasya) हर साल सावन मास की अमावस्या (Sawan
Amavasya 2022) को मनाई जाती है. वहीं इस साल 2022 में हरियाली अमावस्या तिथि
की शुरुआत 27 जुलाई, बुधवार को रात 9 बजकर 11 मिनट से होने जा रही
है. वहीं अमावस्या तिथि की समाप्ति 28 जुलाई, गुरुवार को रात
11 बजकर 24 मिनट पर होगी. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, हरियाली अमावस्या
का व्रत 28 जुलाई को ही रखा जाएगा.

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हरियाली अमावस्या का महत्व

प्राचीन मान्यताओं की मानें तो हरियाली
अमावस्या के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करके और उसके बाद दान करना बेहद शुभ
कार्य माना जाता है. इस दिन तर्पण और पूजन करके लोग पितरों का आशीर्वाद प्राप्त करते
हैं. माना जाता है कि आपके ऐसा करने से आपके पितर प्रसन्न होते हैं. इसके अलावा
हरियाली अमावस्या के दिन पेड़-पौधे लगाने को भी शुभ बताया गया है. इस दिन विशेष
रूप से पीपल के वृक्ष और तुलसी के पौधे की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि
पीपल के पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा,
विष्णु और महेश वास करते हैं. हर साल पूजा के बाद एक पेड़ लगाने का
भी विधान माना गया है.

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वैज्ञानिक दृष्टिकोण से हरियाली अमावस्या का महत्व

भारतीय संस्कृति में पुरातन से ही पर्यावरण
संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाता रहा है. इसी के चलते पर्यावरण को संरक्षण प्रदान
करने के लिए ही पेड़-पौधों में ईश्वरीय रूप को महत्व देकर उनकी पूजा का विधान किया
गया है. यह पर्व जितना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है , उतना ही वैज्ञानिक
दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. हरियाली अमवस्या पर्यावरण संरक्षण और धरती को हरा भरा
बनाने का संदेश देती है.

नोटः ये लेख मान्यताओं के आधार पर बनाए गए हैं. ओपोई इस बारे में किसी भी बातों की पुष्टि नहीं करता है.