केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में नरमी को देखते हुए डीजल और एटीएफ (विमान ईंधन) पर अप्रत्याशित लाभ कर में कटौती की है. हालांकि घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर शुल्क बढ़ा दिया है.

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एक आधिकारिक अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर कर जहां 11 रुपये से घटाकर पांच रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है, वहीं एटीएफ पर इसे खत्म करने का फैसला लिया गया है. इसी तरह, पेट्रोल के निर्यात पर शून्य कर जारी रहेगा.

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अधिसूचना के अनुसार, घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर कर 17,000 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 17,750 रुपये प्रति टन कर दिया गया है. यह कदम ओएनजीसी और वेदांता लिमिटेड जैसे उत्पादकों को प्रभावित कर सकता है.

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भारत ने पहली बार एक जुलाई को अप्रत्याशित कर लाभ लगाया था. इसी के साथ वह उन देशों में शामिल हो गया था, जो ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर कर लगाते हैं. हालांकि, तब से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आने लगी है, जिससे तेल उत्पादकों और रिफाइनरी, दोनों के मुनाफे में कमी दर्ज की गई है.

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सरकार ने एक जुलाई को पेट्रोल और एटीएफ के निर्यात पर छह रुपये प्रति लीटर तथा डीजल के निर्यात पर 13 रुपये प्रति लीटर की दर से कर लगा दिया था.

इसके अलावा कच्चे तेल के घरेलू स्तर पर उत्पादन पर 23,250 रुपये प्रति टन की दर से कर लगाया गया था.