सेना में भर्ती के लिए युवाओं को ज्यादा मौका मिल सके इसके लिए केंद्र सरकार ने नई योजना का ऐलान किया जिसका नाम ‘अग्निपथ’
योजना

(Agneepath Scheme) रखा गया है. माना जा रहा था कि युवा इस खबर का
सुनकर फूले नहीं समायेंगे, लेकिन हुआ इसका उल्टा देश के कुछ हिस्सों में इसको लेकर
युवा आक्रोशित हो गए. बताया जा रहा है कि अग्निपथ’ योजना के तहत
भारतीय युवाओं को, बतौर ‘अग्निवीर’ आर्म्ड फोर्सेस
में सेवा करने का मौका दिया जाएगा. इस योजना के माध्यम से देश में युवाओं को
मिलिट्री में भर्ती करने की बात कही जा रही है. हालांकि, कॉन्ट्रेक्ट टाइप भर्तियां युवाओं को पसंद नहीं. युवाओं के पास इससे संबंधित कई सवाल है जो लाजमी भी है. हालांकि, सरकार ने इसके पहलुओं पर समझाने की कोशिश की है.

लेकिन कुछ युवा बिना किसी उद्देश्य को समझे भी प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगहों पर प्रदर्शन
के साथ साथ रोड जाम, रेल रोकने का प्रयास और ट्रेन में आगजनी भी हुई है. वहीं इस
बीच कुछ सरकारी सूत्रों ने युवाओं के मन में पैदा होने वाले भ्रम को दूर करने के
लिए, योजना से जुड़ी वास्तुस्थिति को स्पष्ट करने का प्रयास किया है.

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युवाओं का मानना है कि इस योजना में अग्निवीरों
का भविष्य असुरक्षित है. जिसको स्पष्ट करते हुए सरकारी सूत्रों ने बताया कि जो भी
लोग उद्यमी बनना चाहेंगे, उनके लिए वित्तीय पैकेज और बैंक से कर्ज की व्यवस्था है.
जो आगे पढ़ना चाहेंगे, उन्हें 12 कक्षा के बराबर सर्टिफिकेट दिया जाएगा और आगे की
पढ़ाई के लिए ब्रिजिंग कोर्स भी उपलब्ध होगा. जो नौकरी करना चाहेंगे उन्हें केंद्रीय
सशस्त्र पुलिस बलों तथा राज्य पुलिस में होने वाली भर्ती में प्राथमिकता दी जाएगी और
इसके साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी उन्हें नौकरी मुहैय्या कराने के लिए व्यवस्था
की जाएगी.

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युवाओं का कहना है कि अग्निपथ के कारण युवाओं
के लिए अवसर कम हो जाएंगे. वहीं सरकारी सूत्रों का कहना है कि ऐसा नहीं है बल्कि
युवाओं के लिए सेना में नौकरी के अवसरों में बढोत्तरी होगी. आगे चलकर सेना में
अग्निवीरों की भर्ती और भी बढ़ाई जाएगी.

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वहीं माना जा रहा है कि अग्निवीर समाज के लिए
खतरा भी साबित हो सकते हैं, चार साल बाद वे आतंकवादियों से मिल सकते हैं.  इस बात को सरकारी सूत्रों ने भारतीय
सेना के मूल्यों तथा आदर्शों का अपमान बताया है. उनका कहना है कि चार साल वर्दी
पहनने वाले युवा जिंदगी भर देश के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे. क्योंकि एक जवान के लिए देशप्रेम
से बढ़कर कुछ नहीं है.

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अधिकतर युवाओं का मानना है कि इस योजना पर पूर्व
सैन्य अधिकारियों से चर्चा नहीं की गयी है. तो इसपर सरकारी सूत्रों ने बताया कि
पिछले दो वर्षों से पूर्व सैन्य अधिकारियों के साथ हर तरह से बातचीत की गयी है और
हर एक पहलू को टटोल कर देखा गया है. यह प्रस्ताव मिलिट्री ऑफिसरों द्वारा ही तैयार
किया गया है. वहीं कई पूर्व सैन्य अधिकारियों के द्वारा इस योजना की काफी सराहना
भी की गई है.